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Education Loan: विदेश में पढ़ाई के लिए लोन लेना कितना सही, क्या हैं फायदे और नुकसान?

Education Loan: 13.3 लाख भारतीय छात्र विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं और इसके लिए एजुकेशन लोन लोकप्रिय विकल्प बन गया है। यह आर्थिक सहारा देता है, लेकिन भारी ब्याज और मानसिक दबाव जैसे जोखिम भी हैं। आइए जानते हैं कि एजुकेशन लोन लेते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

Suneel Kumarअपडेटेड Apr 15, 2025 पर 4:07 PM
Education Loan: विदेश में पढ़ाई के लिए लोन लेना कितना सही, क्या हैं फायदे और नुकसान?
एजुकेशन लोन आपके सपनों को पूरा कर सकता है और आपको कर्ज के जाल में भी फंसा सकता है।

भारत में ज्यादातर मां-बाप का सपना होता है कि उनका बच्चा विदेश में पढ़ाई करे। स्टूडेंट भी फॉरेन स्टडी को काफी तवज्जो देते हैं। सरकारी डेटा के मुताबिक, 2024 के आखिर तक 13.3 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र विदेश में पढ़ाई कर रहे थे। ये साफ संकेत है कि विदेशी शिक्षा की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसके लिए बहुत से मां-बाप या फिर स्टूडेंट एजुकेशन लोन लेने से भी नहीं कतराते।

ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है, क्या स्टूडेंट लोन लेना सही फैसला है? आइए जानते हैं कि विदेश में पढ़ाई के लिए स्टूडेंट लोन लेने के क्या फायदे और नुकसान हैं, ताकि आप बेहतर फैसला ले सकें।

एजुकेशन लोन की तेजी से बढ़ रही डिमांड

CRISIL की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत की प्रमुख नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) ने स्टूडेंट लोन सेक्टर में जबरदस्त ग्रोथ देखी है। इनके पास अब करीब ₹60,000 करोड़ से ज्यादा की लोन बुक है, जो पिछले साल ₹43,000 करोड़ थी। इसका सीधा कारण है- महंगी होती विदेशी पढ़ाई, मुद्रास्फीति और छात्रों की बढ़ती तादाद।

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