Kotak Mahindra Bank : बैंकिंग की दुनिया में बीते दो दशकों में बड़ा बदलाव आया है। बैंकिंग सेवाओं में टेक्नोलॉजी की भूमिका बहुत बढ़ गई है। इससे ग्राहकों को घर बैठे कई सुविधाएं मिल रही हैं। इससे बैंकों की कॉस्ट में कमी आई है। कोटक महिंद्रा बैंक के सीटीओ मिलिंद नागनूर आज एक बैंक को सॉफ्टवेयर इंजीनियिरंग-फोकस्ड ऑर्गेनाइजेशन के रूप में देखते हैं। उन्होंने 2 अगस्त को कोटक महिंद्रा बैंक के सीटीओ की जिम्मेदारी संभाली है। उन्होंने बैंकिंग की दुनिया में हो रहे बदलाव और ग्राहकों के बदलते एप्रोच के बारे में मनीकंट्रोल से बातचीत की।
नए रोल में आपकी प्रायरिटी क्या है?
पहली प्राथमिकता टेक्नोलॉजी-फर्स्ट एप्रोच के साथ बैंक में बदलाव करना है। इसका मकसद कस्टमर्स की प्रॉब्लम सॉल्व करना है। हम ग्राहकों के लिए नया और प्रोडस्टिव एक्सपीरियंस क्रिएट करना चाहते हैं जो टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा। दूसरी प्राथमिकता कस्टमर प्रॉब्लम के साथ ही प्रोडक्ट्स सेलिंग है। तीसरी प्राथमिकत 'ट्रस्ट' की नई परिभाषा के हिसाब से खुद को ढालना है। पहले ग्राहकों के लिए ट्रस्ट का मतलब था कि बैंक में रखा हमारा पैसा सुरक्षित है या नहीं। अब लोगों को इसकी चिंता नहीं रह गई है। अब ट्रस्ट का मतलब यह है कि मेरा बैंक डिजिटली और फिजिकली एवलेबल है या नहीं। ग्राहक चाहता है कि जब और जहां उसे जरूरत हो उसका बैंक उपलब्ध हो।
अब तक के अनुभव से आपने क्या सीखा है?
फिनटेक के मेरे अनुभव ने मुझे बताया है कि हमें बड़ा सोचना चाहिए। आपको छोटी शुरुआत करनी चाहिए और तेजी से ग्रो करना चाहिए। बड़े इनवेस्टमेंट को लेकर महीनों तक प्लान बनाने के मुकाबले यह अलग तरह का एप्रोच है। काम करने का नया तरीका यह है-'मेरे पास के विजन है और मैंने इस पूरी तरह समझ लिया है। लेकिन मैं छोटे स्तर से शुरुआत कर एक व्यावहारिक प्रोडक्ट बनाने जा रहा हूं।' इस प्रोसेस में आप वैल्यू-एडिशन करते हैं और काफी कुछ सीखते हैं।
कहा जाता है कि टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करने के लिहाज से बड़े बैंक ज्यादा ओपन नहीं हैं, क्योंकि उनका वॉल्यूम बहुत ज्यादा है, इस बारे में आपकी सोच क्या है?
फु्र्ती के साथ काम करने का एक बड़ा उदाहरण 811 प्लेटफॉर्म है। यह अलग तरह से काम करने का शानदार उदाहरण है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स, यूआई और यूएक्स डिजाइनर्स सहित हर व्यक्ति मिलकर तय किए गए फीचर पर काम कर रहे हैं। यह फुर्ती के साथ काम करने का स्मार्ट तरीका है। आपको नए तरीकों को आजमाना है और इन्हें पूरी कंपनी में लागू करना है।
क्या आप फिनटेक से पार्टनरशिप के लिए बातचीत कर रहे हैं?
फाइनेंशियल स्पेस में पार्टनरशिप की भूमिका बहुत अहम है। फ्यूचर में आपको ऐसा इकोसिस्टम चाहिए, जिसमें कस्टमर्स, हमारे जैसे फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस, रेगुलेटर और फिनटेक शामिल हों। इकोसिस्टम के इन चार कंपोनेंट को मिलकर काम करना होगा। हम इंडिया में इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं। यह हमारी रणनीति का अहम हिस्सा है।
फिनटेक से पार्टनरशिप को लेकर आपके बैंक का क्या प्लान है?
पूरी दुनिया इवेंट-बेस्ट आर्किटेक्चर की तरफ बढ़ रही है। इसका मतलब यह है कि आप अपने आर्किटेक्टर को आधुनिक बना रहे हैं। आप इसे इस तरह से मॉडर्न बना रहे हैं ताकि सेफ और सुरक्षित तरीके से पार्टनरशिप और कोलैबोरेशन मुमकिन हो सके।