प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) को केंद्र सरकार ने वंचितों और गरीबों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराने और वित्तीय समावेशन के मकसद से शुरू किया था। अब इस सरकारी योजना में 500 मिलियन यानी 50 करोड़ से भी ज्यादा खाते खोले जा चुके हैं। इन खातों में 2.03 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। बैंक की तरफ से जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने बताया है कि 9 अगस्त 2023 तक जन धन खातों की कुल संख्या 50 करोड़ से अधिक हो गई है। इन खातों में से 56% खाते महिलाओं के हैं और 67% खाते ग्रामीण या फिर अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं।
जन धन अकाउंट में जमा हैं इतने लाख करोड़ रुपये
इन खातों में 2.03 लाख करोड़ से भी ज्यादा पैसा जमा है। इसके अलावा जन धन योजना में खुले अकाउंट में लगभग 34 करोड़ रुपे कार्ड मुफ्त जारी किए गए हैं। मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री जन धन योजना योजना खातों में औसत शेष राशि रु. 4,076 और 5.5 करोड़ से अधिक पीएमजेडीवाई खातों को डीबीटी लाभ मिल रहा है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री जन धन योजना योजना देश के वित्तीय विजन को बदलने में सफल रही है और वयस्कों के लिए बैंक खातों में सेचुरेशन लेकर आई है। प्रधानमंत्री जन धन योजना योजनाकी सफलता टेक्नोलॉजी, हेल्प और इनोवेशन के जरिए समाज के आखिरी छोर को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने की कोशिश में है।
15 अगस्त, 2014 को पीएम मोदी ने लोगों को बैंकिंग सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री जन धन योजना योजना की घोषणा की। यह योजना उसी वर्ष 28 अगस्त को शुरू की गई थी। प्रधानमंत्री जन धन योजना योजना में खाता खुलवाने वालों को जीरो बैलेंस, 2 लाख तक के एक्सीडेंटल इंश्योरेंस के साथ फ्री में रूपे डेबिट कार्ड और 10,000 रुपये तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलती है।