पुराने बैंक खाते में फंसे पैसे को निकालना अब आसान हो गया है। यदि किसी खाते में दो साल या उससे ज्यादा समय तक कोई लेन-देन नहीं हुआ तो वह निष्क्रिय या डॉर्मेंट हो जाता है, लेकिन ग्राहक या उनके कानूनी वारिस कभी भी इस पैसे का दावा कर सकते हैं।
पुराने बैंक खाते में फंसे पैसे को निकालना अब आसान हो गया है। यदि किसी खाते में दो साल या उससे ज्यादा समय तक कोई लेन-देन नहीं हुआ तो वह निष्क्रिय या डॉर्मेंट हो जाता है, लेकिन ग्राहक या उनके कानूनी वारिस कभी भी इस पैसे का दावा कर सकते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए देशभर में आउटरीच कार्यक्रम चला रही है, जिसमें हर जिले में अक्टूबर से दिसंबर 2025 तक अनक्लेम्ड एसेट्स के लिए विशेष शिविर आयोजित किए जाएंगे। यदि किसी का खाता लंबे समय से निष्क्रिय है, तो उसमें जमा शेष राशि बैंक को RBI के डिपॉजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस (DEA) फंड में ट्रांसफर करनी होती है। बावजूद इसके, मूल खाता धारक या उसका कानूनी वारिस चाहे पैसा DEA फंड में चला गया हो किसी भी समय अपना दावा कर सकता है।
पैसे निकालने की प्रक्रिया बेहद सरल है। खाताधारक को किसी भी बैंक शाखा में जाना होगा, भले वह उनकी मूल शाखा न हो। वहां एक फॉर्म भरना होगा और अपना KYC डॉक्यूमेंट्स (जैसे आधार, पासपोर्ट, वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस) जमा करने होंगे। बैंक दस्तावेजों की जांच करेगा और जांच पूरी होने के बाद पूरा पैसा ब्याज समेत वापस मिल जाएगा।
RBI के इन नियमों के अनुसार, बैंक खाताधारक से निष्क्रिय खाता एक्टिवेट करने या फंसी रकम निकालने के लिए कोई पेनल्टी या चार्ज नहीं ले सकता। ऐसे में ग्राहक निश्चिंत रहें उनके खाते में जमा पूंजी और उस पर आया ब्याज, दोनों वापस पाने का पूरा अधिकार सुरक्षित है।
नए नियमों के तहत, बैंक ग्राहक को अपने खाते की स्थिति और अनक्लेम्ड डिपॉजिट की जानकारी वेबसाइट व शाखाओं पर स्पष्ट रूप से मुहैया कराते हैं। इसलिए, अगर किसी पुराने बैंक खाते में पैसे अटके हों, तो बिना हिचक बैंक जाएं, जरूरी डॉक्यूमेंट्स लेकर प्रक्रिया पूरी करें और अपनी मेहनत की कमाई फिर से हासिल करें।
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