पर्सनल लोन लेने से पहले जानें पूरी लागत, ये है EMI और अन्य खर्चों को कैलकुलेट करने का सही तरीका

पर्सनल लोन लेने से पहले उसकी कुल लागत को जानना बेहद जरूरी है, जिसमें ब्याज, प्रोसेसिंग शुल्क, प्रीपेमेंट चार्ज और अन्य फीस शामिल होती हैं। सही गणना के लिए EMI कैलकुलेटर का उपयोग करें ताकि आपको मासिक किस्त और कुल भुगतान की सटीक जानकारी मिल सके और आप अपनी वित्तीय योजना बेहतर बना सकें।​

अपडेटेड Nov 20, 2025 पर 8:10 PM
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पर्सनल लोन आज के समय में तुरंत वित्तीय जरूरतों को पूरा करने का एक लोकप्रिय साधन बन गया है, लेकिन लोन लेने से पहले उसके कुल खर्च को समझना अत्यंत आवश्यक है। केवल ब्याज दर देखकर लोन न लें, बल्कि EMI और अन्य संबंधित शुल्कों की सही जानकारी लें ताकि बाद में आर्थिक बोझ से बचा जा सके।

एक पर्सनल लोन की कुल लागत का सही अंदाजा लगाने के लिए कई घटकों को ध्यान में रखना होता है। सबसे पहले तो लोन की मूलधन राशि यानी जो पैसे आपको मिलेंगे, उसका योग है। इसके बाद ब्याज दर आती है, जो वार्षिक दर के रूप में बताई जाती है और आपके लोन की अवधि तक लागू रहती है। ब्याज की गणना अलग-अलग बैंक और लेंडर अलग-अलग तरीके से करते हैं, जैसे फ्लैट रेट या रिड्यूसिंग बैलेंस।

पर्सनल लोन की कुल लागत को समझना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह आपके वित्तीय खर्च का सही अंदाजा लगाने में मदद करता है। इसमें मुख्य रूप से ब्याज दर, आवेदन शुल्क, प्रोसैसिंग फीस, प्रीपेमेंट चार्ज, और कहीं-कहीं छुपे हुए शुल्क भी शामिल होते हैं।


सबसे पहले आपको लोन की मूलधन राशि का निर्धारण करना होता है, साथ ही ब्याज दर का सही गणना करनी पड़ती है। ब्याज दरें अलग-अलग बैंक और NBFCs में भिन्न होती हैं, और यह सामान्यतः 9.98% से शुरू होकर 17% तक जाती हैं। ब्याज की गणना ईएमआई कैलकुलेटर की मदद से आसानी से की जा सकती है, जो आपको मासिक किस्त, कुल भुगतान और ब्याज की कुल लागत दिखाती है।

उदाहरण के तौर पर, यदि आपने 5 लाख रुपए का लोन लिया है और ब्याज दर 10% है, तो कैलकुलेटर के अनुसार, आपका मासिक EMI कुछ इस तरह होगा कि कुल भुगतान अवधि के अंत में आप अपने मूलधन और ब्याज दोनों चुका देंगे। इस कुल राशि में आपके द्वारा भुगतान किए गए ब्याज, प्रोसेसिंग फीस, और अन्य फीस शामिल होती हैं।

आम तौर पर, लोन की प्रोसैसिंग फीस 0.5% से 4% तक हो सकती है, जो कि आपके कुल लागत में जुड़ जाती है। यदि आप समय से अधिक भुगतान करते हैं, तो प्रीपेमेंट पर भी चार्ज लग सकता है। इसके अलावा, विलंब भुगतान पर पेनल्टी भी लग सकती है। इन सारी फीस को जोड़कर ही आपकी अंतिम कुल लागत बनी है।

इसलिए, जरूरी है कि आप ऑनलाइन EMI कैलकुलेटर का इस्तेमाल करें, जिससे आपको अपने हर माह के भुगतान का सही हिसाब मिले और आप अपने बजट के मुताबिक सबसे बेहतर लोन ऑफर का चुनाव कर सकें। यह आसान कदम आपको भविष्य में वित्तीय दबाव से बचाने में मदद करेगा।

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