रिटायरमेंट का सपना हर कोई देखता है आरामदायक जीवन, परिवार के साथ समय, यात्राएं और शौक। लेकिन गलत प्लानिंग से यह सपना बोझ बन सकता है। कई लोग सालों की मेहनत की कमाई को कुछ भूलों से खो देते हैं, जिससे बाद की जिंदगी आर्थिक चिंताओं से भर जाती है। आइए इन आम गलतियों को गहराई से समझें और सही रास्ता अपनाएं।
रिटायरमेंट के बाद आय बंद हो जाती है, लेकिन खर्च बढ़ सकते हैं। कई लोग बिना बजट के घूमने-फिरने या लग्जरी पर उड़ाते रहते हैं, और 5-7 सालों में corpus सूख जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आपके पास 2 करोड़ हैं, तो 4% नियम से सालाना 8 लाख निकालें मासिक 65,000। यात्रा या शादी जैसे बड़े खर्च के लिए अलग फंड रखें। ऐप्स या एक्सेल से ट्रैकिंग शुरू करें ताकि 25-30 साल का सफर सुचारू चले।
एन्युटी निश्चित मासिक आय देती है, लेकिन पूरा फंड इसमें डालना जोखिम है। पैसे लॉक हो जाते हैं, और मेडिकल या पारिवारिक जरूरत पर निकालना नामुमकिन। मान लीजिए 1 करोड़ एन्युटी में डाला, तो 6-7% रिटर्न पर 50-60 हजार मासिक मिले, लेकिन इन्फ्लेशन से घटेगा। सलाह ये दी जाती है कि 30-40% ही एन्युटी में रखें, बाकी SWP (सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान) वाले म्यूचुअल फंड्स में। इससे लचीलापन मिलेगा।
रिटायरमेंट पर इक्विटी छोड़कर सिर्फ FD या बचत खाते में रखना महंगाई (6-7%) को नजरअंदाज करता है। FD पर 6-7% रिटर्न से रियल रिटर्न निगेटिव। जारी रखें 10-15% इक्विटी में लार्ज कैप या हाइब्रिड फंड्स से 8-10% औसत रिटर्न। बाकी डेट फंड्स या FD में बैलेंस करें।
60+ उम्र में हॉस्पिटल बिल लाखों में पहुंच सकता है। बिना हेल्थ इंश्योरेंस के 50 लाख का corpus 2-3 सालों में उड़ सकता है। 1 करोड़ परिवार फ्लोटर पॉलिसी लें, टॉप-अप के साथ। साथ ही 10-20 लाख कैश इमरजेंसी फंड रखें। नियमित चेकअप से बचाव करें।
रियल एस्टेट में ज्यादा निवेश न करें
प्रॉपर्टी में बड़ा हिस्सा लगाना ठीक नहीं, क्योंकि बेचने में देरी होती है और मेंटेनेंस महंगा पड़ता है। लिक्विड एसेट्स पर फोकस करें ताकि जरूरत पर तुरंत पैसा मिले।