आयुष अस्पताल में भर्ती पर बीमा क्लेम क्यों अटकता है और कैसे बढ़ाएं मंजूरी की संभावना

आयुष अस्पताल में भर्ती पर बीमा क्लेम तभी मंजूर होता है जब अस्पताल मान्यता प्राप्त हो और पॉलिसी में कवरेज शामिल हो। सही दस्तावेज और शर्तों का पालन करने से क्लेम रिजेक्ट होने की संभावना कम हो जाती है।

अपडेटेड Dec 13, 2025 पर 11:04 PM
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भारत में आयुष (AYUSH) यानी आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी उपचार का चलन लगातार बढ़ रहा है। कई लोग अब एलोपैथी के साथ-साथ इन पारंपरिक तरीकों पर भरोसा कर रहे हैं। लेकिन जब बात हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम की आती है, तो आयुष अस्पताल में भर्ती होने पर दिक्कतें सामने आती हैं। कई बार बीमा कंपनियां क्लेम रिजेक्ट कर देती हैं, जिससे मरीज और परिवार को आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है।

क्लेम रिजेक्ट होने की वजहें

- मान्यता प्राप्त अस्पताल न होना: बीमा कंपनियां केवल उन्हीं आयुष अस्पतालों के खर्च को मानती हैं जो सरकार या संबंधित प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त हों।

- न्यूनतम भर्ती अवधि पूरी न होना: कई पॉलिसियों में कम से कम 24 घंटे भर्ती रहना जरूरी होता है।

- पॉलिसी में आयुष कवरेज का अभाव: सभी हेल्थ इंश्योरेंस प्लान आयुष ट्रीटमेंट को कवर नहीं करते।


- डॉक्यूमेंटेशन की कमी: सही मेडिकल रिपोर्ट और अस्पताल के दस्तावेज़ न होने पर क्लेम अटक सकता है।

मंजूरी की संभावना कैसे बढ़ाएं?

- बीमा खरीदते समय देखें कि पॉलिसी में आयुष कवरेज शामिल है या नहीं।

- इलाज के लिए हमेशा मान्यता प्राप्त आयुष अस्पताल ही चुनें।

- भर्ती और इलाज से जुड़े सभी दस्तावेज सुरक्षित रखें और समय पर बीमा कंपनी को दें।

- पॉलिसी की शर्तें ध्यान से पढ़ें और न्यूनतम भर्ती अवधि का पालन करें।

कई परिवार आयुष उपचार को इसलिए चुनते हैं क्योंकि यह उनके लिए सुलभ और भरोसेमंद होता है। लेकिन जब क्लेम रिजेक्ट हो जाता है, तो आर्थिक दबाव बढ़ जाता है और मरीज को मानसिक तनाव भी होता है। सही जानकारी और तैयारी से इस तनाव को कम किया जा सकता है।

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