Bitcoin Price: बिटकॉइन 90000 डॉलर से नीचे आया, इस गिरावट की क्या है वजह?

Bitcoin Price: बिटकॉइन बीते 24 घंटों में 0.62 फीसदी गिरा है। दूसरे क्रिप्टो टोकंस में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। बीते 24 घंटों में इथेरियम 0.23 फीसदी चढ़ा है, ADA 0.73 फीसदी नीचे है, SOL 0.21 फीसदी नीचे है, XRP 0.82 फीसदी ऊपर है और बीएनपी 0.50 फीसदी नीचे है

अपडेटेड Dec 15, 2025 पर 4:00 PM
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बिटकॉइन 90,000 डॉलर के लेवल को मेंटेन करने में नाकाम रहा है।

बिटकॉइन 15 दिसंबर को 89,608 डॉलर पर आ गया। यह बीते 24 घंटों में 0.62 फीसदी गिरावट है। इससे बिटकॉइन का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 130 अरब डॉलर घटकर 2.98 लाख करोड़ डॉलर पर आ गया। सुबह में बिटकॉइन एक समय गिरकर 87,996 डॉलर पर आ गया था। आखिर बिटकॉइन में गिरावट की क्या वजह है?

बिटकॉइन में कमजोरी के संकेत

डेल्टा एक्सचेंज की रिसर्च एनालिस्ट रिया सहगल ने कहा, "करीब 1,16,000 ट्रेड्स लिक्विडेट हुए हैं, जिससे 29.5 करोड़ डॉलर से ज्यादा लॉस हुआ है। इससे हाई लिवरेज और कमजोर सेंटिमेंट का पता चलता है। बिटकॉइन में 87,500-91,000 डॉलर के बीच कंसॉलिडेशन दिख रहा है, जो कमजोरी का संकेत है। इथेरियम 2,900-3,180 डॉलर के बीच बना हुआ है। यह इसके ऑल-टाइम हाई से करीब 37.5 फीसदी कम है।"


दूसरे क्रिप्टो टोकंस में भी उतारचढ़ाव

दूसरे क्रिप्टो टोकंस में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। बीते 24 घंटों में इथेरियम 0.23 फीसदी चढ़ा है, ADA 0.73 फीसदी नीचे है, SOL 0.21 फीसदी नीचे है, XRP 0.82 फीसदी ऊपर है और बीएनपी 0.50 फीसदी नीचे है। सहगल ने कहा कि बिटकॉइन 90,000 डॉलर के लेवल को मेंटेन करने में नाकाम रहा है। इसमें बैंक ऑफ जापान की मॉनेटरी पॉलिसी में सख्ती के अनुमान का हाथ हो सकता है। आम तौर पर इससे ग्लोबल लिक्विडिटी में कमी आती है और रिस्क एसेट्स पर दबाव बढ़ जाता है।

जापान में रेट बढ़ने से पहले सेंटीमेंट कमजोर

उन्होंने कहा, "2024 से जब कभी बैंक ऑफ जापान ने इंटेस्ट रेट बढ़ाया है, बिटकॉइन में 20-30 फीसदी गिरावट आई है। ट्रेडर्स एक बार फिर से सावधानी बरत रहे हैं। बीते 24 घंटों में मार्केट 1.01 फीसदी गिरा है। एक महीने में 4.83 फीसदी गिरावट आई है।" इस हफ्ते शुक्रावर को बैंक ऑफ जापान अपनी पॉलिसी पेश करेगा। वह इंटरेस्ट रेट बढ़ाने का ऐलान कर सकता है।

एशिया में रिस्क एसेट्स पर बढ़ा है दबाव

वजीरएक्स के फाउंडर निश्चल शेट्टी के मुताबिक, पश्चिम में एक तरफ मॉनेटरी पॉलिसी में नरमी दिख रही है तो एशिया में सख्ती दिख रही है। ग्लोबल मार्केट्स दोनों के बीच फंसे हुए हैं। इससे क्रिप्टो सहित रिस्क एसेट्स पर दबाव दिख रहा है। पश्चिमी देशों के केंद्रीय बैंकों के इंटरेस्ट रेट में और कमी करने का अनुमान है, जिससे लिक्विडिटी में इजाफा हो सकता है। उन्होंने कहा कि एशिया में रिस्क एसेट्स से पैसे निकाले जा रहे हैं।

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ट्रे़डर्स को स्थितियां अनुकूल होने का इंतजार

उन्होंने कहा कि स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स, आबादी में युवाओं की ज्यादा हिस्सेदारी और बढ़ते घरेलू कंजम्प्शन से एशिया में लंबी अवधि में क्रिप्टो में दिलचस्पी बढ़ सकती है। हालांकि, अभी एशिया में ट्रेडर्स सावधानी बरत रहे हैं। उन्हें स्थितियां अनुकूल होने का इंतजार है।

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