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Car Loan: कार नकद पैसे देकर खरीदने में फायदा है या लोन लेकर, जवाब कर देगा हैरान

Car Loan Calculation: कार नकद पैसे देकर खरीदें या लोन लेकर? यह सवाल कई लोगों के मन में आता है। आइए डिटेल कैलकुलेशन से जानते हैं इसका जवाब।

अपडेटेड Aug 30, 2025 पर 4:10 PM
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आप ₹15 लाख का कार लोन पर 5 साल में करीब ₹3.6 लाख अतिरिक्त ब्याज देंगे।

Car Loan: कार खरीदते समय अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि पूरी रकम एकमुश्त कैश में देनी बेहतर है या फिर लोन लेकर खरीदना। आम धारणा यही है कि कैश पेमेंट से EMI और ब्याज जैसी झंझट खत्म हो जाती हैं। लेकिन, सही रणनीति अपनाकर लोन लेना भी लंबे समय में ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

क्या कहता है उदाहरण?

वेल्थ मैनेजर विजय महेश्वरी ने लिंक्डइन पर एक केस स्टडी साझा की। इसमें मान लिया गया कि आपके पास ₹20 लाख नकद हैं और आप ₹20 लाख की कार खरीदना चाहते हैं। अब आपके सामने दो विकल्प हैं, पहला कैश पेमेंट करें या फिर डाउन पेमेंट करके कार लोन ले लें।


कैश पेमेंट पर क्या होगा?

अगर आप पहला विकल्प अपनाते हैं, आप एकमुश्त ₹20 लाख देकर कार खरीद लें। इसमें कार तो आपके घर आ जाती है, लेकिन बैंक अकाउंट पूरी तरह खाली हो जाता है। हालांकि, आपको ब्याज और EMI की टेंशन से पूरी तरह छुटकारा मिल जाता है।

 1. यूको बैंक यूको बैंक सबसे सस्ता विकल्प है, जहां नई कार लोन की ब्याज दर 7.60% से शुरू होती है। EMI 10,043 से 10,685 रुपये तक बनती है। प्रोसेसिंग फीस 0.50% यानी 5,000 रुपये तय है। ब्याज दर कम है, लेकिन फीस थोड़ी ज्यादा पड़ सकती है।

कार लोन ज्यादा फायदेमंद?

आपके पास दूसरा विकल्प कार लोन का है। इसमें मान लीजिए कि आप ₹5 लाख डाउन पेमेंट करके बाकी ₹15 लाख का कार लोन ले लेते हैं। इसमें ब्याज दर 9% और लोन की अवधि 5 साल के लिए रहती है।

अब आपके पास जो ₹15 लाख नकद बचे हैं, उसे किसी सुरक्षित या मध्यम जोखिम वाले म्यूचुअल फंड में निवेश कर दें, जहां औसतन 11% रिटर्न मिल रहा हो।

नतीजा क्या निकला?

आप ₹15 लाख का कार लोन पर 5 साल में करीब ₹3.6 लाख अतिरिक्त ब्याज देंगे। यानी कार की कीमत लोन और ब्याज मिलाकर ₹23.6 लाख तक पहुंच जाती है। दूसरी तरफ, किसी म्यूचुअल फंड में निवेश करता है और औसतन 11% सालाना रिटर्न मिलता है, तो 5 साल में यह रकम बढ़कर लगभग ₹25.8 लाख हो जाती है।

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इसका मतलब है कि निवेश से करीब ₹10.8 लाख का फायदा हुआ। लोन पर दिए गए ₹3.6 लाख ब्याज को घटाने के बाद भी नेट गेन ₹7.2 लाख का रह जाता है।

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क्यों फायदेमंद है यह तरीका?

कार की कीमत चुकाने के बावजूद निवेश से मिला फायदा लोन की लागत को कवर कर देता है और निवेशक के पास अतिरिक्त कमाई भी बचती है। यही अवसर लागत (opportunity cost) और कंपाउंडिंग का असली प्रभाव है।

एक्सपर्ट का कहना है कि लोन का ब्याज हर साल घटता है, क्योंकि किस्तों के साथ मूलधन भी चुकता होता रहता है। दूसरी ओर निवेश कंपाउंडिंग की वजह से लगातार बढ़ता है, यानी न केवल मूलधन पर बल्कि पहले से हुए मुनाफे पर भी रिटर्न मिलता है।

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Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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