Last Working Day of Employees: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट के अंतिम वर्किंग डे के नियमों को साफ कर दिया है। अक्सर यह सवाल उठता था कि किसी कर्मचारी के रिटायरमेंट या मृत्यु वाले दिन को सर्विस पीरियड में शामिल किया जाएगा या नहीं। अब सरकार ने इस भ्रम को दूर करते हुए साफ कर दिया है कि जिस दिन कर्मचारी रिटायर होता है। इस्तीफा देता है या उसकी मृत्यु होती है, वही दिन उसकी सेवा का अंतिम और पूरा वर्किंग डे (Last Working Day) माना जाएगा। यह केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2021 के तहत लागू किया गया है। इसी आधार पर उसकी पेंशन या फैमिली पेंशन का कैलकुलेशन किया जाएगा।
कर्मचारी पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने एक ऑफिस मेमोरेंडम (OM) जारी कर यह साफ किया है कि किसी सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने, इस्तीफा देने, सर्विस से हटाए जाने या मृत्यु होने की स्थिति में वही दिन उसका अंतिम वर्किंग डे माना जाएगा।
छुट्टी या निलंबन की स्थिति में क्या होगा?
ऑफिस मेमोरेंडम में यह भी बताया गया है कि यदि कोई कर्मचारी रिटायरमेंट या मृत्यु से पहले छुट्टी पर था या निलंबित था, तो उस दिन को भी उसी छुट्टी या निलंबन के पीरियड का हिस्सा माना जाएगा। मतलब उस दिन को अलग से कामकाजी दिन नहीं माना जाएगा। उदाहरण के तौर पर यदि कोई सरकारी कर्मचारी छुट्टी पर रहते हुए रिटायर होता है या उसकी मृत्यु हो जाती है, तो उस दिन को छुट्टी के पीरियड में गिना जाएगा, न कि एक्स्ट्रा वर्किंग डे के तौर पर देखा जाएगा।
क्यों जरूरी था नियम साफ तौर पर बताना?
कर्मचारियों की पेंशन का कैलकुलेशन कुल जॉब पीरियड के दिनों के आधार पर किया जाता है। कई बार यह भ्रम बना रहता था कि रिटायरमेंट या मृत्यु का दिन सर्विस में शामिल होगा या नहीं। अब सरकार के बताए नियमों से ये साफ हो गया है कि अंतिम दिन को भी सर्विस का हिस्सा माना जाएगा, लेकिन अगर वह दिन छुट्टी या निलंबन की अवधि में आता है, तो उसे अलग वर्किंग डे नहीं गिना जाएगा।