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केंद्र सरकार के एंप्लॉयीज आज से NPS से UPS में स्विच कर सकेंगे, जानिए नियम और शर्तें

यूपीएस एक स्ट्रक्चर्ड पेंशन पेआउट स्कीम है। यह एंप्लॉयीज की सर्विस पीरियड पर आधारित है। इसके तहत 25 साल या इससे ज्यादा समय तक नौकरी कर चुके एंप्लॉयीज को अपनी पिछली 12 महीने की एवरेज बेसिक सैलरी का 50 फीसदी बतौर पेंशन मिलेगी

अपडेटेड Apr 01, 2025 पर 6:17 PM
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अगर किसी एंप्लॉयीज की नौकरी 10 साल से ज्यादा और 25 साल से कम है तो उसे उसी अनुपात में पेंशन मिलेगी।

सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लॉयीज से 1 अप्रैल यानी आज से हाल में लॉन्च नई पेंशन स्कीम में स्विच कर सकेंगे। नई पेंशन स्कीम का नाम यूनिफायड पेंशन स्कीम (यूपीएस) है। अभी केंद्र सरकार के एंप्लॉयीज एनपीएस के तहत आते हैं। यह एक मार्केट लिंक्ड पेंशन स्कीम है। एंप्लॉयीज लंबे समय से गारंटीड पेंशन स्कीम की मांग कर रहे थे। उनकी मांग पूरी करने के लिए सरकार ने पिछले साल यूपीएस का ऐलान किया था।

ऐसे कर सकते हैं स्विच

सेंट्रल गवर्नमेंट के एंप्लॉयीज को UPS में स्विच करने के लिए यूपीएस माइग्रेशन पेज पर जाना होगा। फिर एनपीएस ऑप्शंस के तहत यूपीएस को सेलेक्ट करना होगा। एंप्लॉयीज Protean CRA पोर्टल (npscra.nsdl.co.in) के जरिए माइग्रेट कर सकते हैं। सब्मिशन के लिए फिजिकल फॉर्म के इस्तेमाल की भी सुविधा है।


यूपीएस की खास बातें

यूपीएस एक स्ट्रक्चर्ड पेंशन पेआउट स्कीम है। यह एंप्लॉयीज की सर्विस पीरियड पर आधारित है। इसके तहत 25 साल या इससे ज्यादा समय तक नौकरी कर चुके एंप्लॉयीज को अपनी पिछली 12 महीने की एवरेज बेसिक सैलरी का 50 फीसदी बतौर पेंशन मिलेगी। अगर किसी एंप्लॉयीज की नौकरी 10 साल से ज्यादा और 25 साल से कम है तो उसे उसी अनुपात में पेंशन मिलेगी। इसका मतलब है कि इस स्कीम में नौकरी का पीरियड जितना लंबा होगा, पेंशन उतनी ज्यादा मिलेगी।

हर महीने कम से कम 10,000 पेंशन

अगर किसी एंप्लॉयी ने कम से कम 10 साल का नौकरी पीरियड पूरा किया है तो उसे कम से कम हर महीने 10,000 रुपये की पेंशन की गारंटी होगी। यूपीएस के तहत एंप्लॉयी अपनी बेसिक सैलरी (प्लस डीए) का 10 फीसदी पेंशन फंड में कंट्रिब्यूट करता है। सरकार भी इतना ही अमाउंट कंट्रिब्यूट करेगी। इसका मतलब है कि उसकी सैलरी का कुल 20 फीसदी पैसा निवेश होगा। सरकार ने जो डिफॉल्ट स्कीम पेश की है, वह इस पैसे का प्रबंधन करेगी। लेकिन, एंप्लॉयीज के पास प्राइवेट पेंशन फंड मैनेजर्स के पास भी इनवेस्ट करने का ऑप्शन होगा।

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पेंशनर की मौत पर परिवार को 60 फीसदी पेंशन

यूपीएस में पेंशनर की पत्नी या पति को भी फाइनेंशियल सपोर्ट उपलब्ध होगा। इसका मतलब है कि पेंशनर की मौत हो जाने पर उसकी पत्नी या पति को 60 फीसदी पेंशन मिलेगी। इससे पेंशनर की फैमिली को आर्थिक मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ेगा। एंप्लॉयी के रिटायर करने पर उसके जमा फंड से उसे पेंशन मिलेगी। यह म्यूचुअल फंड के सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान जैसा होगा। अगर पेंशनर या उसकी पत्नी या पति की मौत से पहले यह फंड खत्म हो जाता है तो पेंशन का पैसा सरकार के प्रबंधन वाले कॉमन पूल से मिलेगा। अभी यूपीएस सिर्फ केंद्र सरकार के एंप्लॉयीज के लिए है।

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