कई मातापिता पढ़ाई के बढ़ते खर्च को लेकर चिंतित रहते हैं। इसकी वजह यह है कि अच्छे कॉलेज में एमबीए और इंजीनियरिंग की फीस काफी ज्यादा है। मेडिकल की पढ़ाई तो और भी महंगी है। ऐसे में बच्चों के हायर एजुकेशन के लिए सेविंग्स और इनवेस्टमेंट जरूरी है। ज्यादातर मातापिता इसके लिए सेविंग्स तो करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता कि यह सेविंग्स किस तरह से करनी है। अगर आप भी अपने बच्चों के लिए बड़ा फंड तैयार करना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए।
आपको जितनी जल्द हो सके सेविंग्स और निवेश की शुरुआत करनी चाहिए। इसकी वजह यह है कि निवेश की अवधि जितनी लंबी होती है, रिटर्न उतना ज्यादा मिलता है। मेडिकल, इंजीनियरिंग और एमबीए की फीस कॉलेज के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। लेकिन, आपको ज्यादा फीस को ध्यान में रख सेविंग्स और निवश करना चाहिए। इससे बाद में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
म्यूचुअल फंड्स की स्कीम में SIP के रास्ते निवेश करना ठीक रहेगा। सिप से आप निश्चित अमाउंट का निवेश हर महीने कर सकते हैं। इससे निवेश में अनुशासन बना रहता है। साथ ही रूपी कॉस्ट एवरेजिंग का भी फायदा मिलता है। इसका मतलब है कि आपको अलग-अलग एनएबी स्कीम की यूनिट्स एलॉट होती हैं। लंबी अवधि के निवेश के लिए इक्विटी फंड बेस्ट है।
3. बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
सरकार की यह स्कीम बेटियों के लिए है। इसमें रिटर्न टैक्स-फ्री होता है। बेटी के 21 साल के होने पर पैसा मिल जाता है। इस पैसे का इस्तेमाल बेटी के हायर एजुकेशन के लिए किया जा सकता है। एक मातापिता दो बेटियों के लिए एसएसवाइ अकाउंट ओपन कर सकते हैं। इसके लिए बेटी की उम्र 10 साल से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
4. पब्लिक प्रोविडेंट फंड(PPF)
यह लंबी अवधि का निवेश है। पीपीएफ में निवेश पर मिलने वाला रिटर्न टैक्स-फ्री होता है। 15 साल के बाद अकाउंट मैच्योर हो जाता है। यह भी सरकार की स्कीम है, जिससे इसमें निवेश करना पूरी तरह से सुरक्षित है। इसका इंटरेस्ट रेट भी कई दूसरी स्कीमों से ज्यादा है।
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5. चिल्ड्रेन एजुकेशन प्लान
इंश्योरेंस कंपनियां बच्चों के लिए एजुकेशन प्लान ऑफर करती हैं। इसमें इंश्योरेंस के साथ सेविंग्स का भी कंपोनेंट शामिल होता है। इससे पॉलिसीहोल्डर (पिता या माता) की मौत होने की स्थिति में सम अश्योर्ड नॉमिनी को मिल जाता है। इससे हायर एजुकेशन की खर्च पूरी करने में मदद मिलती है।