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ICICI Bank ने सेविंग अकाउंट पर बढ़ाया मिनिमम बैलेंस, सिविल सोसाइटी कर रही विरोध, सरकार से मांगी मदद

ICICI Bank: आईसीआईसीआई बैंक ने 1 अगस्त 2025 से सेविंग अकाउंट में 50,000 रुपये न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य कर दिया है। अब अगर बैलेंस इससे कम होता है तो बैंक चार्ज वसूलेगा। ये नियम 1 अगस्त के बाद सेविंग अकाउंट खोलने वाले सभी नए ग्राहकों पर लागू होगा

अपडेटेड Aug 11, 2025 पर 4:42 PM
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आईसीआईसीआई बैंक के नए सेविंग अकाउंट के लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस (MAB)की शर्त बढ़ाने के फैसले को लेकर एक सिविल सोसायटी संगठन विरोध कर रहा है।

ICICI Bank: आईसीआईसीआई बैंक ने 1 अगस्त 2025 से सेविंग अकाउंट में 50,000 रुपये न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य कर दिया है। अब अगर बैलेंस इससे कम होता है तो बैंक चार्ज वसूलेगा। ये नियम 1 अगस्त के बाद सेविंग अकाउंट खोलने वाले सभी नए ग्राहकों पर लागू होगा।आईसीआईसीआई बैंक के नए सेविंग अकाउंट के लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस (MAB)की शर्त बढ़ाने के फैसले को लेकर एक सिविल सोसायटी संगठन विरोध कर रहा है। इस पूरे मुद्दे पर ‘बैंक बचाओ देश बचाओ मंच’ ने फाइनेंस मिनिस्ट्री से हस्तक्षेप की मांग की है। संगठन का कहना है कि यह कदम सरकार के सभी के लिए बैंकिंग और आर्थिक विकास के विजन के खिलाफ है।

फाइनेंस मिनिस्ट्री को लिखा लेटर

संगठन ने वित्त सचिव को लिखे पत्र में इस फैसले को अन्यायपूर्ण और पीछे ले जाने वाला बताया। बैंक ने 1 अगस्त 2025 से नए खोले जाने वाले सेविंग अकाउंट के लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस की लिमिट पांच गुना बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है। इससे पहले 31 जुलाई 2025 तक यह लिमिट 10,000 रुपये थी।

पहले ये थी लिमिट


बैंक की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार अब सेमी-अर्बन शाखाओं में यह लिमिट 25,000 रुपये और ग्रामीण शाखाओं में 10,000 रुपये कर दी गई है, जो पहले क्रमशः 5,000 रुपये और 2,000 रुपये थी। मंच के संयोजक बिस्वरंजन राय और सौम्या दत्ता ने कहा कि यह फैसला समावेशी बैंकिंग की सोच को कमजोर करता है और आम ग्राहकों, खासकर कम आय वाले लोगों पर बोझ डालता है।

सिविल सोसाइटी कर रही है विरोध

संगठन ने इस फैसले को तुरंत वापस लेने की अपील की है और सरकार से अनुरोध किया है कि वह जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करे और फाइनेंशियल इन्क्लूजन को बढ़ावा दे। गौरतलब है कि सरकारी बैंकों में न्यूनतम बैलेंस की शर्त प्राइवटे बैंकों के मुकाबले कम होती है। साथ ही जन धन खातों में यह पूरी तरह माफ है। कई सरकारी बैंकों ने तो मिनिमम बैलेंस की शर्त पूरी तरह हटा दी है। और शर्त पूरी न करने पर कोई पेनाल्टी नहीं लगती। इस मामले में अब नजर इस पर है कि क्या सरकार इस फैसले पर कोई कदम उठाती है या नहीं, क्योंकि इसका सीधा असर देश में बैंकिंग सर्विस की पहुंच और छोटे ग्राहकों पर पड़ेगा।

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