EU की साल के अंत तक 90 फीसदी रूसी तेल पर बैन की खबरों से कच्चे तेल में उछाल जारी है। ब्रेंट 123 डॉलर के ऊपर ट्रेड कर रहा है। वहीं 1 जून से देश में सोने के गहनों की हॉलमार्किंग का दूसरा चरण शुरू होने वाला है। एग्री की बात करें तो जहां एक तरफ सरकार की गेहूं की खरीद लगातार गिर रही है वहीं दूसरी तरफ कई देश भारत को गेहूं सप्लाई का ऑर्डर दे रहे हैं।
क्रूड 11 हफ्तों की ऊंचाई पर बरकरार
सबसे पहले बात करते हैं नान-एग्री कमोडिटी की जहां क्रूड 11 हफ्तों की ऊंचाई पर बरकरार है। ब्रेंट क्रूड के भाव 123 डॉलर के करीब पहुंच गए हैं। WTI में भी 118 के ऊपर कारोबार हो रहा है। MCX पर भाव 9200 रुपए के करीब है। EU 90 फीसदी रूसी तेल को बैन करेगा। हंगरी रूसी तेल पर तुरंत प्रतिबंध के समर्थन में नहीं है हंगरी। उसका कहना है कि रूसी तेल पर निर्भरता खत्म करने में 3-4 साल लगेंगे। उधर चीन 1 जून से अनलॉक हो रहा है। ऐसें में मांग बढ़ने और सप्लाई गिरने की आशंका से तेजी आई है। 2 जून को OPEC+ देशों की बैठक होने वाली है, जिसमें जुलाई में होने वाले उत्पादन पर OPEC+ देश चर्चा करेंगे।
कल से अनिवार्य हाल मार्किंग का दूसरा चरण होगा लागू
अब बात करते हैं सोने की। कल से (1 जून से ) अनिवार्य हाल मार्किंग का दूसरा चरण लागू होगा। इसके बाद से देश के 288 जिलों में अनिवार्य हाल मार्किंग ज्वैलरी मिलेगी। सरकार ने सभी कैरेट की ज्वेलरी की हाल मार्किंग अनिवार्य कर दी है। साथ ही जून 2023 तक पूरे देश में अनिवार्य हाल मार्किंग लागू करने पर राय मांगी है। सरकार ने सभी कैरेट की ज्वेलरी की हाल मार्किंग अनिवार्य की है। अभी सिर्फ 37 फीसदी जिलों में अनिवार्य हालमार्किंग लागू हुई है। BIS ने पूरे देश में जून 2023 तक अनिवार्य हॉल मार्किंग लागू करने पर राय मांगी है। कुंदन, पोल्की, जड़ाऊ को भी हाल मार्किंग के दायरे में लाने पर राय मांगी गई है। HUID को सरकारी पोर्टल में ट्रांसफर करने पर भी राय मांगी गई है। ज्वेलर्स के मुताबिक पूरे देश में अनिवार्य हालमार्किंग लागू करने में 3 साल का वक्त लगेगा।
एग्री कमोडिटी की बात करें तो सरकार की गेहूं खरीद घटी है। गेहूं खरीद घटकर 184.58 लाख टन पर आ गई है। वहीं, दूसरे देश भारत से गेहूं मांग रहे हैं। खुले बाजार के गेहूं के दाम MSP से ज्यादा हैं। इसलिए किसान सरकार को कम गेहूं बेच रहे हैं। 2022-23 के मार्केटिंग ईयर में गेहूं की खरीद घटी है। उधर विदेशों 15 लाख टन से ज्यादा के ऑर्डर मिले हैं। बांग्लादेश, इजिप्ट, जैमका ने गेहूं भेजने की मांग की है। UN वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की सप्लाई की मांग भी हो रही है। बता दें कि सरकार ने 13 मई को गेहूं के एक्सपोर्ट को बैन किया था।