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Business Idea: ढैंचा है किसानों का ATM, सरकारी मदद से करें शुरू, कमाई की टेंशन हो जाएगी खत्म

Dhaincha Business Idea: हरी खाद बनाने का बिजनेस आइडिया आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है। इससे खेती की उपजाऊ शक्ति में इजाफा होता है। इसके अलावा इसमें किसी भी तरह का कोई केमिकल नहीं होता है। हरी खाद बनाने के लिए आपको ढैंचा की खेती करनी होगी। यही ढैंचा हरी खाद का काम करता है। इसकी खेती के लिए हरियाणा सरकार आर्थिक मदद भी दे रही है

Jitendra Singhअपडेटेड Oct 02, 2024 पर 6:55 AM
Business Idea: ढैंचा है किसानों का ATM, सरकारी मदद से करें शुरू, कमाई की टेंशन हो जाएगी खत्म
Dhaincha Business Idea: हरी खाद के इस्तेमाल से खेत में यूरिया की जरूरत नहीं पड़ती है। हरियाणा सरकार 720 रुपये प्रति एकड़ आर्थिक मदद दे रही है।

आज खेती से जुड़े बिजनेस आइडिया पर चर्चा कर रहे हैं। इससे भफी मोटी कमाई कर सकते हैं। अब खेती करने के लिए कई तरह के आधुनिक यंत्र तैयार हो गए हैं। इन मशीनों की मदद से खेती करना बेहद आसान हो गया है। अगर आप खेती के जरिए बंपर कमाई करना चाहते हैं तो आप हरी खाद का बिजनेस शुरू कर सकते हैं। इसे बढ़ावा देने के लिए देश में कई राज्य सरकारें आर्थिक मदद भी मुहैया करा रही है। दरअसल, ढैंचा को हरी खाद के नाम से जाना जाता है। अगर आप अपने खेत में ढैंचा उगाते हैं तो यह किसी खाद से कम नहीं है।

हरियाणा सरकार ने बजट 2023-24 में राज्य में प्राकृतिक खाद को बढ़ावा देने के लिए बड़ी घोषणा की है। राज्य सरकार ढैंचा की खेती पर 720 रुपये प्रति एकड़ (80% कॉस्ट प्राइस) का खर्च उठाने का ऐलान किया है। इसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा। हरी खाद के इस्तेमाल से यूरिया की जरूरत खत्म हो जाती है।

कैसे करें ढैंचा की खेती ?

आमतौर पर ढैंचा की खेती किसी भी सीजन में की जा सकती है। लेकिन ज्यादा लेना चाहते हैं तो इसे खरीफ के सीजन में बुवाई कर सकते हैं। पहले खेत को अच्छे से जुताई करना बहुत जूरूरी है। इसकी बुआई सरसों की तरह लाइनों में या फिर छिड़काव विधि से की जा सकती है। अगर आपका मकसद सिर्फ ढैंचा से हरी खाद बनाने का है तो खेत को सिर्फ एक बार जोतकर उसमें ढैंचा छिड़काव विधि से बुवाई कर सकते हैं। ढैंचा की खेती सामान्य तरीके से ही की जाती है। इसकी बुवाई के मात्र एक से डेढ़ महीने के भीतर इसके पौधों की लंबाई 3 फुट तक पहुंच जाती है। इसकी गांठों में नाइट्रोजन का भंडार भर जाता है। इसी समय ढैंचा की कटाई करके खेतों में फैला दी जाती है।

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