Credit Utilization Ratio: बैंक से लोन लेने में आमतौर पर क्रेडिट स्कोर (Credit Score) का जिक्र आता है। क्रेडिट स्कोर कर्ज अदा करने की किसी व्यक्ति की साख को नापने का महत्वपूर्ण पैमाना है। इसमें क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो (Credit Utilization Ratio - CUR) काफी अहम होता है। अगर आप इसका मतलब नहीं जानते हैं, तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो तो लोन मिलने में काफी दिक्कत आती है। क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपको कम ब्याज दर पर आसानी से लोन मिल जाता है।
क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो (CUR) का मतलब है कि आपके क्रेडिट कार्ड की जो लिमिट है। उसका एक महीने में आप कितना इस्तेमाल करते हैं। CUR का क्रेडिट स्कोर पर सीधा असर पड़ता है। आपका CUR इस बात पर निर्भर करता है कि आप अपने क्रेडिट कार्ड का कितना इस्तेमाल करते हैं। इसको ऐसे समझें कि अगर आपके क्रेडिट कार्ड पर 5 लाख रुपये की क्रेडिट लिमिट है। इसमें आप 50,000 रुपये खर्च करते हैं, तो आपका CUR 10 फीसदी होगा। क्रेडिट लिमिट खत्म होने से क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो बढ़ जाता है। इस तरह अगर आपका CUR 30 फीसदी के स्तर को पार कर जाता है, तो आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है।
क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो सीधे क्रेडिट स्कोर पर असर डालता हैं। 30 फीसदी तक का CUR बेहतर माना जाता है। लेकिन 30 फीसदी से ज्यादा होने पर क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है। अगर आप टाइम पर बिल पेमेंट करते हैं तो क्रेडिट स्कोर ठीक किया जा सकता है।
जानिए कैसे कंट्रोल करें CUR
CUR को आप कंट्रोल कर सकते हैं। इसके कई उपाय हैं। कम CUR बनाए रखने के लिए अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़ाएं। अगर आपने नियमित रूप से समय पर बिल का पेमेंट किया है या आपकी इनकम बढ़ी है तो क्रेडिट कार्ड देने वाले तुरंत इसकी लिमिट बढ़ा देते हैं। एक से अधिक क्रेडिट कार्ड रखना आपकी लिमिट को बढ़ाने और अपने CUR को कम रखने का एक और तरीका है। हालांकि समय से पेमेंट करना बेहद जरूरी है।