दिवाली हिंदूओं के बड़े त्योहारों में से एक है। हर साल दिवाली का त्योहार 5 दिन तक लगातार मनाया जाता है। इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। इसी दिन से स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी जाती है। कुछ शहरों में इसके पहले से ही छुट्टियों का ऐलान कर दिया जाता है। वहीं देश में कुछ ऐसे राज्य हैं। जहां दिवाली की छुट्टी नहीं है। कुछ जगह सिर्फ नाम मात्र की छुट्टियां हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर इतने बड़े त्योहार में छुट्टियां क्यों नहीं दी गई है। हालांकि कोई भी त्योहार उससे जुड़ी छुट्टियां स्थानीय जरूरत के हिसाब से घोषित की जाती हैं। आइये जानते हैं किस राज्य में कितने दिन की छुट्टी हैं?
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में दिवाली की नहीं है छुट्टी
देश भर में जहां दिवाली की धूम रहेगी। वहीं दिवाली की कोई छुट्टी घोषित नहीं की गई है। यानी दिवाली के दिन आमतौर पर कामकाज होता रहेगा। इसी तरह जम्मू और कश्मीर जैसे इलाकों में भी दिवाली की छुट्टी नहीं होती। यहां के लोग अपनी स्थानीय परंपराओं और त्योहारों को प्राथमिकता देते हैं। हालांकि, यहां भी कई लोग दिवाली का पर्व मनाते हैं। लेकिन यहां आम तौर पर सरकारी छुट्टी के रूप में मान्यता प्राप्त नहीं है।
केरल में एक दिन की छुट्टी
दक्षिण भारत के राज्यों में दिवाली का प्रभाव कम नजर आता है। केरल में सिर्फ 1 नवंबर को दिवाली की छुट्टी घोषित की गई है। बाकी के त्योहार गोवर्धन और भाईदूज की यहां के स्कूलों में कोई छुट्टी नही है।
उत्तराखंड में 1 नवंबर से 3 नवंबर तक स्कूल बंद रहेंगे। लेकिन दिवाली की डेट बदल जाने से इस छुट्टी में भी बदलाव किया जा सकता है। अभी तक के हॉलिडे कैलेंडर के मुताबिक, उत्तराखंड में दिवाली पर कोई विशेष छुट्टी नहीं दी गई है। यहां के स्कूलों में 1 नवंबर की ही छुट्टी दिवाली के लिए घोषित की गई है। 2 और 3 को शनिवार-रविवार है।
मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में आदिवासियों की संख्या ज्यादा है। ऐसे में यहां आदिवासी परंपरा के पर्व-त्योहार को अधिक महत्व दिया जाता है। यही कारण है कि मेघालय और अरुणाचल प्रदेश दोनों ही जगह दिवाली की छुट्टी नहीं है।