भारतीय रिजर्व बैंक ने फास्टैग और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (National Common Mobility - NCMC) को ई-मेंडेट (e-mandate) फ्रेमवर्क में शामिल कर लिया है। इसके तहत इन दोनों पेमेंट इंट्रूमेंट्स में अमाउंट तय लिमिट से कम होते ही ग्राहकों के खाते से पैसे निकलकर इसमें जुड़ जाएंगे। इसके लिए यूजर को बार-बार फास्टैग रिचार्ज नहीं करना पड़ेगा। कुल मिलाकर अब ग्राहकों फास्टैग रिचार्ज करने का झंझट खत्म हो जाएगा। पर्याप्त बैलेंस नहीं होने पर भी गाड़ी टोल प्लाजा पर नहीं रुकेगी। आसानी से निकल सकेगी। ई-मैंडेट फ्रेमवर्क को साल 2019 में बनाया गया था। इसका मकसद ग्राहकों को उनके अकाउंट्स से होने वाले डेबिट की जानकारी देकर उनके हितों की रक्षा करना है।