पेट्रोल और डीजल की कीमतों में चुनावों के बाद तेजी नजर आ सकती है। जेपी मॉर्गन (JP Morgan) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चुनावों के बाद पेट्रोल और डीजल के रेट बढ़ सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अगले सप्ताह से रिटेल में डीजल और गैसोलीन की कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है। अगले सप्ताह राज्य के चुनाव होने के साथ, हम उम्मीद करते हैं कि गैसोलीन और डीजल दोनों में दैनिक ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी फिर से शुरू हो जाएगी।
अभी पेट्रोल पंप पर मिलने वाले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में नवंबर से कोई बदलाव नहीं किया गया है। हमारा अनुमान है कि स्पॉट ब्रेंट (105/बीबीएल डॉलर) और डीजल की कीमतों पर तेल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) को 5.7 रुपये प्रति लीटर और सामान्य मार्जिन पर 2.5 रुपये प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। हम निवेशकों को सावधान करेंगे कि कच्चे तेल, डीजल और विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव को देखते हुए, ये संख्या बदल सकती है। अब रेट्स में रोजाना बदलाव नजर आएगा।
अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें 2014 के मध्य के बाद पहली बार 110 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से ऊपर उठीं हैं। रूस और यूक्रेन के बीच जारी क्राइसिस के कारण कच्चे तेल की सप्लाई पर असर पड़ सकता है। ऑयल और गैस की दिग्गज कंपनी रूस से आती हैं जिसका असर सप्लाई में देखने को मिलेगा और कीमतों पर नजर आएगा।
ऑयल मिनिस्ट्री के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) की जानकारी के मुताबिक भारत में कच्चे तेल की खरीदारी 1 मार्च को 102 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर हो गई, जो अगस्त 2014 के बाद सबसे ज्यादा है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 फरवरी को है और मतों की गिनती 10 मार्च को होनी है।
रिपोर्ट में कहा है कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को सामान्य मार्केटिंग मार्जिन पर वापस जाने के लिए रिटेल कीमतों में 9 रुपये प्रति लीटर या 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने की आवश्यकता है।
घरेलू ईंधन की कीमतें सीधे अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों से जुड़ी हैं क्योंकि भारत अपनी तेल जरूरतों का 85 प्रतिशत आयात करता है। इसमें लगातार 118 दिनों तक कोई बदलाव नहीं किया गया है।