भारत सरकार ने किसानों को शानदार तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने बेहतर मूल्य और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को कंट्रोल करने के लिए पीएम आशा योजना को जारी रखने की मंजूरी दी है। इस सरकारी स्कीम को साल 2025-26 तक जारी रखने का फैसला किया है। इस योजना में सरकार को 35,000 करोड़ रुपये खर्च करना होगा। इस योजना के जरिए किसानों को उनकी फसलों और अन्य वस्तुओं पर अच्छी कीमत दिलाने के लिए वस्तुओं की कीमतों को कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है।
सरकार ने 2024-25 की खरीद वर्ष में राज्यों में दालों के कुल उत्पादन के बराबर खरीद की अनुमति दी है। यह फैसला किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का पूरा फायदा देने और बाजार में कीमतों की स्थिरता बनाए रखने के मकसद से लिया गया है। इससे किसान अपनी फसल को बिना किसी चिंता के सरकार को बेच सकेंगे और उन्हें उचित दाम भी मिलेगा।
इन राज्यों में अरहर की होगी खरीदारी
कृषि मंत्रालय ने 2024-25 के खरीफ सत्र के लिए आठ राज्यों में अरहर की खरीदारी की मंजूरी दी है। इनमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटका, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। इस खरीदारी से 13.22 लाख टन अरहर की खरीद हो सकती है। इस खरीदारी से 12,006 किसानों को फायादा मिल रहा है। कर्नाटका, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में खरीदारी की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। 15 फरवरी तक 15,000 टन अरहर खरीदी जा चुकी है। वहीं कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में खरीफ 2024-25 सीजन के लिए 13.22 लाख मीट्रिक टन अरहर की खरीद को मंजूरी दी है। इस फैसले से इन राज्यों के किसानों को बड़ा फायदा होगा।
पोर्टल के जरिए की जाएगी खरीदी
केंद्र सरकर ने दालों, तिलहन और खोपरा की खरीद को 45,000 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया है। इससे अन्नदाताओं को एमएसपी पर अधिक खरीद की सहूलियत मिलेगी। कृषि विभाग की ओर से खरीद ई-समृद्धि पोर्टल और ई-संयुक्ति पोर्टल के जरिए की जाएगी।