केंद्र सरकार ने राशन कार्डधारकों के लिए ई-केवाईसी कराने की समय-सीमा एक बार फिर बढ़ा दी है, जिससे लाखों लाभार्थियों को बड़ी राहत मिली है। अब सभी उपभोक्ताओं को 30 अप्रैल 2025 तक ई-केवाईसी की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। पहले यह अंतिम तिथि 31 मार्च थी, लेकिन भारी संख्या में लोगों की ई-केवाईसी अधूरी रहने के कारण सरकार ने ये निर्णय लिया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ये चौथा और अंतिम मौका है, और इसके बाद समय-सीमा आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। यदि कोई लाभार्थी इस अवसर का लाभ नहीं उठाता, तो उसका राशन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा और सरकारी अनाज मिलने की सुविधा समाप्त कर दी जाएगी।
सरकार की इस सख्ती का उद्देश्य राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाना और फर्जीवाड़ा रोकना है। इसके लिए राज्य और जिला प्रशासन को भी सख्त निगरानी और प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए गए हैं।
5 लाख से अधिक लाभार्थी ई-केवाईसी से वंचित
किशनगंज जिले में कुल 15,76,222 राशन कार्डधारी उपभोक्ता पंजीकृत हैं, जिनमें से अब तक 10,66,102 लोगों की ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। ये कुल लक्ष्य का 67.64 प्रतिशत है। यानी अभी भी 5,10,120 उपभोक्ता (32.36%) ई-केवाईसी नहीं करवा सके हैं, जो एक चिंताजनक स्थिति है। इतनी बड़ी संख्या में पेंडेंसी यह संकेत देती है कि या तो लोग जानकारी के अभाव में हैं या फिर सुविधा की कमी से जूझ रहे हैं।
ठाकुरगंज में सबसे अधिक पेंडिंग
अगर प्रखंडवार ई-केवाईसी पेंडेंसी पर नजर डालें, तो ठाकुरगंज प्रखंड में सबसे ज्यादा 92,131 लाभार्थियों की ई-केवाईसी पेंडिंग है। अन्य प्रमुख प्रखंडों की स्थिति निम्नलिखित है:
इन आंकड़ों से साफ है कि कई प्रखंडों में हजारों की संख्या में लोग अभी भी ई-केवाईसी नहीं करा पाए हैं, जिससे उनका भविष्य में राशन पाना मुश्किल हो सकता है।
प्रशासन द्वारा लगातार निगरानी और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि लोग समय रहते ई-केवाईसी करवा सकें। बावजूद इसके, लोगों की भागीदारी बहुत कम है। उदाहरण के तौर पर, 31 मार्च को पूरे जिले में केवल 426 लाभार्थियों ने ई-केवाईसी करवाई, जो बेहद कम संख्या है। ये दर्शाता है कि या तो प्रक्रिया कठिन है, या फिर लोगों में जानकारी और जागरूकता की भारी कमी है। अगर ये स्थिति ऐसे ही बनी रही तो हजारों लोग एक मई से सरकारी अनाज से वंचित हो सकते हैं।
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