Smartphone Chargers: स्मार्टफोन कई रंग के होते हैं, लेकिन चार्जर सिर्फ काले और सफेद क्यों होते हैं?

Charger Color: आमतौर पर हर शख्स के पास आज के समय में मोबाइल फोन मौजूद है। जब से हमने मोबाइल फोन इस्तेमाल करना शुरू किया है। तब से इसके चार्जर का रंग काला या सफेद ही देखने को मिला है। पहले ज्यादातर चार्जर का रंग काला होता था, लेकिन बीते कुछ सालों में इसका रंग सफेद होने लगा है। आखिर ये चार्जर सिर्फ दो कलर में ही क्यों मिलते हैं

अपडेटेड Sep 11, 2024 पर 12:40 PM
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Charger Color: मोबाइल चार्जर एक डिवाइस है। यह बैटरी के चार्ज को स्टोर करता है और फिर AC से DC में कन्वर्ट करता है।

बाजार में कई तरह के स्मार्टफोन मिलते हैं। फोन को कई कलर भी होते हैं। बहुत से लोग फोन खरीदते समय कलर का भी ध्यान रखते हैं। इसके साथ ही बाजार में अलग-अलग स्टाइल के चार्जर भी मिलते हैं। लेकिन मोबाइल के सभी चार्जर का कलर सिर्फ काला और सफेद ही मिलता है। अगर आप चार्जर भी अपने मनमुताबिक कलर का ढूंढना चाहते हैं तो ऐसा नहीं हो सकता है। चार्जर सिर्फ दो ही कलर में मिलते हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जब मोबाइल फोन कई कलर में मिल सकते हैं तो फिर चार्जर में कई कलर क्यों नहीं शामिल है। इसके लिए सिर्फ काले और सफेद पर निर्भर रहना पड़ता है।

वैसे भी पहले ज्यादातर चार्जर का रंग काला होता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसका रंग सफेद होने लगा है। मोबाइल कंपनियों के लाल-पीले या नीले चार्जर न बनाने का कारण ड्यूरेबिल्टिी और लागत है। काले और सफेद रंग चार्जर की लाइफ को बढ़ाते हैं। खासकर काला रंग। दूसरा सफेद और काले रंग का चार्जर बनाने में कंपनियों को लागत भी थोड़ी अन्‍य रंग के चार्जर बनाने के मुकाबले कम आती है।

मोबाइल फोन के चार्जर काले क्यों बनाए जाते हैं?


चार्जर काले क्यों होते हैं उसके पीछे का तर्क यह है कि यह रंग दूसरे रंगों के मुकाबले हीट बेहतर तरह से अब्जॉर्ब करता है। ब्लैक कलर एक आदर्श उत्सर्जक (Emiter) कहा जाता है। इसका उत्सर्जन मान 1 होता है। साथ ही कहा तो यह भी जाता है कि अगर ब्लैक मटैरियल को खरीदा जाए तो यह किफायती भी होता है। दूसरे कलर्स के मैटेरियल थोड़े महंगे होते हैं। बस यही वजह होती है कि चार्जर ब्लैक कलर के बनाए जाते हैं।

सफेद रंग के चार्जर क्यों बनाए जा रहे हैं?

पहले तो चार्जर काले ही आते थे लेकिन फिर चार्जर्स को सफेद कलर में भी बनाया जाने लगा। कई कंपनियां तो ऐसी भी हैं जो सिर्फ सफेद रंग का ही चार्जर मुहैया कराती हैं। इसका तर्क यह दिया जाता है कि इसकी रिफ्लेटर क्षमता कम होती है। यह रंग बाहर से आने वाली गर्मी को अंदर तक नहीं पहुचंने देता है। यह इसे कंट्रोल करता है।

मोबाइल फोन के चार्जर का क्या काम है?

काले और सफेद रंग के चार्जर का काम लगभग एक जैसे ही होता है। घर में जिस करेंट की सप्लाई की जाती है, उसे अल्टरनेटिव करेंट (Alternative Current – AC, प्रत्यावर्ती धारा) कहते हैं। यानी घर में मिलने वाली बिजली को एसी कहते हैं। आपने कुछ घरेलू सामानों में देखा होगा कि उसमें AC लिखा रहता है। इसका मतलब ये है कि यह उपकरण घरेलू बिजली से चलेगा। वहीं बैटरी से जो करेंट उत्पन्न होता है। उसे डायरेक्ट करेंट (Direct Current – DC) कहते हैं।

अब जिस उपकरण में बैटरी लगी होती है, उसे DC की जरूरत पड़ती है। अब आप देखेंगे कि मोबाइल में बैटरी लगी होती है। लिहाजा चार्ज होने के लिए उसे DC की जरूरत पड़ती है। AC की जरूरत नहीं है। ऐसे में मोबाइल चार्जर घर की बिजली AC को DC में बदल देता है। इसके बाद फोन चार्ज होने लगता है। यही चार्जर का काम है।

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Jitendra Singh

Jitendra Singh

First Published: Sep 11, 2024 12:37 PM

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