यूनियन बजट में स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए बड़ा ऐलान नहीं किया गया है। कुछ छोटे ऐलान किए गए हैं, जिनका इस इडस्ट्री पर पॉजिटिव असर पड़ेगा। हालांकि, स्मार्टफोन के नए मॉडल्स की कीमतों में कमी का इंतजार कर रहे लोगों को बजट से निराशा हुई है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मोबाइल फोन और उसके पुर्जों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी घटाने का ऐलान किया। इडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी कम उम्मीद है कि स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां इसका फायदा ग्राहकों को देंगी।
एपल और गूगल जैसी कंपनियां स्मार्टफोन आयात करती हैं
कस्टम ड्यूटी उन स्मार्टफोन पर लगती है, जिन्हें या जिनके पार्ट्स आयात किए जाते हैं। Apple और Google जैसी कंपनियां अपने स्मार्टफोन दूसरे देशों से आयात करती हैं। सवाल है कि बजट में बेसिक कस्टम ड्यूटी घटने के बाद क्या आईफोन 15 प्रो और पिक्सल 8 प्रो की कीमतों में कमी आएगी? काउंटरप्वाइंट रिसर्च में रिसर्च डायरेक्टर और टेलीकॉम एनालिस्ट तरुण पाठक ने कहा कि स्मार्टफोन, चार्जर्स और पीसीबीए पर बेसिक कस्टम ड्यूटी घटने का ज्यादा असर स्मार्टफोन की कीमतों पर नहीं पड़ेगा।
ज्यादातर ग्राहकों की दिलचस्पी एफोर्डेबल फोन खरीदने में
टेकआर्क के फाउंडर मोहम्मद फैसल अली कवोसा ने कहा कि हमने देखा है कि 5जी स्मार्टफोन लॉन्च होने के बाद से प्रीमियम सेगमेंट के स्मार्टफोन की ग्रोथ ज्यादा रही है। अब हमें ऐसे उपाय करने होंगे जिससे कम कीमत में 5जी स्मार्टफोन का उत्पादन किया जा सके। पिछले कुछ सालों में प्रीमियम फोन की मांग बढ़ी है। लेकिन, अब भी ज्यादा खरीदार एफोर्डेबल और मिड रेंज का स्मार्टफोन खरीदने में दिलचस्पी दिखाते हैं।
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लोअर प्राइस सेगमेंट में मार्जिन काफी कम
स्मार्टफोन और उसके पार्ट्स पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 20 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दी गई है। लेकिन, जिस तरह से रॉ मैटेरियल्स की कीमतें बढ़ी हैं, उससे इस बात की उम्मीद कम है कि कंपनियां इसका फायदा ग्राहकों को देंगी। स्मार्टफोन इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि सरकार स्लैब वाइज रिवीजन करेगी, जिससे मार्केट में सस्ते 5जी फोन की उपलब्धता बढ़ सकती थी। तरुण पाठक ने कहा कि लोअर प्राइस सेगमेंट में मार्जिन काफी कम है।