स्पैम कॉल और अनचाहे मैसेज से परेशान लोगों के लिए राहत की खबर है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने इसे रोकने के लिए नए नियम बनाए हैं। अब ग्राहक आसानी से अपनी शिकायत दर्ज करवा पाएंगे। ग्राहकों द्वारा दर्ज शिकायतों पर अगर टेलीकॉम कंपनियां कार्रवाई नहीं करती है तो इन पर 2-10 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया जाएगा।
ट्राई ने कमर्शियल मैसेज की पहचान के नियम बदले हैं। अब प्रमोशनल मैसेज के आगे '-P', सेवा से जुड़े मैसेज के आगे '-S', ट्रांजैक्शनल मैसेज के आगे '-T' और सरकारी मैसेज के आगे '-G' लिखा होगा। ताकि ग्राहकों को आसानी से समझ आ सके कि किस तरह का मैसेज आया है।
कितना लग सकता है जुर्माना
ट्राई ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया है कि वे रियल टाइम में स्पैम कॉल करने वालों की पहचान करें। इसके लिए कॉल और मैसेज के पैटर्न की जांच करनी होगी, जैसे बार-बार कॉल करना, बहुत कम समय की कॉल और इनकमिंग-आउटगोइंग कॉल का रेशियो। अगर कोई कंपनी स्पैम कॉल की सही जानकारी नहीं देती, तो पहली बार 2 लाख रुपये, दूसरी बार 5 लाख रुपये और बार-बार गलती करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
कितने दिनों में करना होगा शिकायत
नए नियम 30-60 दिनों में लागू होंगे। सभी टेलीकॉम कंपनियों को अपने ऐप या पोर्टल पर स्पैम कॉल की शिकायत दर्ज करने का आसान ऑप्शन देना होगा। ग्राहक ईमेल के जरिए भी शिकायत कर सकेंगे। पहले शिकायत की समय सीमा 3 दिन थी, जिसे अब बढ़ाकर 7 दिन कर दिया गया है।
कितने दिनों में होगा समाधान
अब ग्राहक सिर्फ स्पैम कॉल का नंबर देकर और ऐप में स्क्रीनशॉट अपलोड करके भी शिकायत दर्ज कर सकेंगे। टेलीकॉम कंपनियों को 5 दिनों के अंदर स्पैम कॉल करने वालों पर कार्रवाई करनी होगी, जबकि पहले यह सीमा 30 दिन थी। अगर किसी नंबर के खिलाफ 10 दिनों में 5 शिकायतें मिलती हैं, तो उसे ब्लॉक कर ब्लैकलिस्ट में डालना होगा। जो ग्राहक कमर्शियल मैसेज नहीं चाहते, उनसे 90 दिनों से पहले कोई प्रमोशनल कंपनी सहमति नहीं मांग सकेगी। टेलीकॉम कंपनियों को प्रमोशनल मैसेज में ही इसे बंद करने का विकल्प देना होगा, जो अभी तक उपलब्ध नहीं था।