UPI Transaction: इस वजह से 75% लोगों का UPI से हो सकता है मोहभंग, सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा

UPI Transaction Charged: इन दिनों डिजिटल युग चल रहा है। ऑनलाइन पैसों के लेनदेन में इजाफा हुआ है। UPI के जरिए लेनदेन करने वालों की संख्या भी बढ़ी है। इसबीच लोकलसर्किल ने एक बड़ा खुलासा किया है। इसमे कहा गया है अगर ट्रांजेक्शन के समय चार्ज लगता है तो 75 फीसदी लोग UPI का इस्तेमाल करना बंद कर सकते हैं

अपडेटेड Sep 23, 2024 पर 12:57 PM
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UPI Transaction: सर्वे में कहा गया है कि सिर्फ 22 फीसदी UPI यूजर्स भुगतान पर लेनदेन शुल्क का बोझ उठाने को तैयार हैं।

भारत में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (Unified Payment Interface -UPI) का चलन तेजी से बढ़ा है। छोटे-छोटे पेमेंट करने के लिए भी लोग UPI ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। बड़े ट्रांजेक्शन हों या बड़े मनी ट्रांसफर के काम-जनता की सबसे पहली पसंद यूपीआई बनता जा रहा है। इसकी वजह ये है कि इसके जरिए पेमेंट करने पर कोई चार्ज नहीं लिया जाता है। इस बीच खबर आ रही है कि UPI के जरिए पेमेंट करने पर चार्ज लग सकता है। ऐसे में लोकलसर्किल्स (LocalCircles) ने एक सर्वे किया है। जिसमें खुलासा हुआ है कि अगर चार्ज लगता है तो 75 फीसदी यूजर्स UPI का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे।

दरअसल, आज के समय में चाय की टपरी से लेकर सब्जी की दुकान तक हर जगह UPI स्कैनर लगा हुआ मिल जाएगा। शायद ही कहीं कोई ऐसी दुकान दिखे जहां यूपीआई से पमेंट ना एक्सेप्ट किया जाता हो। इसकी वजह ये है कि पलक झपकते ही अकाउंट में पैसे पहुंच जाते हैं। वहीं इससे पेमेंट करने पर कोई चार्ज नहीं लिया जाता है।

सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा


लोकलसर्किल्स के सर्वे के मुताबिक, 38 फीसदी यूजर्स अपना 50 फीसदी पेमेंट लेनदेन डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या किसी अन्य तरह के डिजिटल माध्यम के बजाय यूपीआई के जरिए करते हैं। सर्वे  में पता चला है कि सिर्फ 22 फीसदी यूपीआई यूजर्स भुगतान पर लेनदेन शुल्क का बोझ उठाने को तैयार हैं। वहीं 75 फीसदी लोगों ने कहा कि अगर लेनदेन शुल्क लगाया जाता है, तो वो यूपीआई का इस्तेमाल करना बंद कर देंगे। यह सर्वे तीन बड़े क्षेत्रों पर किया गया है। इसमें 325 जिलों से 44,000 से ज्यादा लोगों के जवाब मिले हैं। हालांकि हर प्रश्न पर उत्तरों की संख्या अलग-अलग थी। यह सर्वे जुलाई मध्य से सितंबर 2024 मध्य तक किया गया। इसमें 65 फीसदी पुरुष और 35 फीसदी महिलाएं शामिल हैं।

लोगों के लिए UPI बेहद अहम

सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि UPI तेजी से 10 में से 4 लोग यूपीआई का इस्तेमाल करते हैँ। ऐसे में किसी भी तरह का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लेनदेन शुल्क लगाए जाने का कड़ा विरोध हो रहा है। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने अगस्त 2022 में एक डिस्कशन पेपर जारी किया था। इसमें अलग-अलग रकम के आधार पर यूपीआई पेमेंट पर एक चार्ज लगाने का प्रस्ताव रखा गया था। हालांकि, बाद में वित्त मंत्रालय ने सफाई दी कि यूपीआई लेनदेन पर फीस या चार्ज लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

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