2026 में सोना-चांदी नहीं, इस कमोडिटी का दिखेगा जलवा; तगड़ा रिटर्न मिलने की उम्मीद

2026 में कमोडिटी बाजार की लीडरशिप बदल सकती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कॉपर गोल्ड और सिल्वर से बेहतर रिटर्न दे सकता है। जानिए कॉपर कितना रिटर्न दे सकता है और क्या है इसकी वजह।

अपडेटेड Dec 23, 2025 पर 6:15 PM
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एक्सपर्ट के मुताबिक, कॉपर 20% से ज्यादा रिटर्न दे सकता है।

पिछले एक साल में गोल्ड और सिल्वर जैसी कीमती धातुओं ने शानदार रिटर्न दिए हैं, लेकिन 2026 में कमोडिटी बाजार की तस्वीर बदल सकती है। Nirmal Bang Securities में कमोडिटीज रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट और हेड कुणाल शाह का मानना है कि अगले साल कॉपर सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली कमोडिटी बनकर उभर सकता है।

गोल्ड-सिल्वर से ज्यादा फोकस कॉपर पर

कुणाल शाह के मुताबिक, गोल्ड और सिल्वर में मजबूती बनी रह सकती है, लेकिन कॉपर की स्थिति सबसे ज्यादा मजबूत दिख रही है। उन्होंने 2026 के लिए कॉपर को अपनी 'बेस्ट पिक' बताया है।


इसके पीछे कई बड़े कारण हैं- चीन की इंडस्ट्रियल और इनवोल्यूशन पॉलिसी, कॉपर कंसंट्रेट की सीमित सप्लाई और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, डेटा सेंटर्स व पावर सेक्टर से तेजी से बढ़ती मांग।

कॉपर की कीमत कहां तक जा सकती है

शाह का अनुमान है कि लंदन मेटल एक्सचेंज (LME) पर कॉपर की कीमत 13,500 से 14,000 डॉलर प्रति टन के स्तर को टेस्ट कर सकती है। भारतीय बाजार में इसका मतलब MCX पर 1,300 से 1,350 रुपये प्रति किलो तक की कीमत हो सकता है।

इस हिसाब से कॉपर 20% से ज्यादा रिटर्न दे सकता है। शाह के शब्दों में, कॉपर इस वक्त सप्लाई की तंगी और मजबूत डिमांड के 'परफेक्ट स्टॉर्म' से गुजर रहा है।

2025 में गोल्ड और सिल्वर ने चौंकाया

2025 की बात करें, तो शाह का कहना है कि गोल्ड और सिल्वर ने उम्मीद से कहीं ज्यादा तेजी दिखाई और 2026 के टारगेट एक साल पहले ही हासिल कर लिए। उन्होंने इस तेजी को सीजनल ट्रेंड की बजाय ग्लोबल मैक्रो फैक्टर्स से जोड़ा।

खासतौर पर जापान में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद बॉन्ड मार्केट में तनाव बढ़ा, जिससे निवेशकों का रुझान गोल्ड की ओर गया। इसके अलावा, गोल्ड-बैक्ड क्रिप्टोकरेंसी को भी नई डिमांड का अहम सोर्स बताया गया।

2026 में गोल्ड से क्या उम्मीद रखें

2026 के लिए कुणाल शाह का मानना है कि गोल्ड को 4,000 डॉलर प्रति औंस के आसपास मजबूत सपोर्ट मिल सकता है। अनुकूल हालात में कीमतें 4,650 से 4,700 डॉलर प्रति औंस तक भी जा सकती हैं।

हालांकि, उन्होंने साफ कहा कि 2025 जैसी तेज रैली की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उनके मुताबिक, 10 से 15 प्रतिशत का रिटर्न ज्यादा यथार्थवादी नजर आता है।

सिल्वर पर क्या है आउटलुक

सिल्वर को लेकर शाह का कहना है कि फिलहाल बाजार को सप्लाई-साइड फैक्टर्स और डेटा सेंटर्स व इलेक्ट्रॉनिक्स से मांग चला रही है। उन्हें सिल्वर में 55 डॉलर प्रति औंस के आसपास मजबूत सपोर्ट दिखता है। जब तक सप्लाई में अचानक कोई बड़ा उछाल नहीं आता, तब तक बड़ी गिरावट की संभावना कम है।

55 से 60 डॉलर के बीच गिरावट पर खरीदारी करने वालों के लिए उन्होंने 75-80 डॉलर प्रति औंस तक के रिटर्न की उम्मीद जताई है। ट्रिपल डिजिट यानी 100 डॉलर से ऊपर की कीमतें फिलहाल उन्हें मुश्किल लगती हैं।

2026 के लिए बड़ा संकेत क्या है

कुल मिलाकर, कुणाल शाह का मानना है कि 2026 वह साल हो सकता है जब बेस मेटल्स, खासकर कॉपर, कमोडिटी मार्केट की अगुवाई करें। वहीं गोल्ड और सिल्वर से तेज उछाल की बजाय स्थिर और संतुलित रिटर्न की उम्मीद रखनी चाहिए।

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