आज के समय में क्रेडिट कार्ड काफी सारे लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। लेकिन, कभी-कभी कुछ बैंकों या फाइनेंशियल इंस्टीटूशन द्वारा ग्राहकों की जानकारी के बिना ही क्रेडिट कार्ड जारी कर दिए जाते हैं। ऐसी स्थिति में ग्राहक परेशानी में पड़ सकते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आपके कुछ अधिकार हैं जिनका इस्तेमाल करके आप इस समस्या का सॉल्यूशन निकाल सकते हैं।
अनचाहे क्रेडिट कार्ड और उससे जुड़े कर्ज और धोखाधड़ी के खतरों से बचाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सख्त नियम लागू कर दिए हैं। अब बिना आपके पूछे बैंक या वित्तीय संस्थान (NBFC) आपको क्रेडिट कार्ड नहीं भेज सकेंगे। पहले बैंक और NBFC बिना मांगे क्रेडिट कार्ड भेज देते थे। इससे कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती थीं, जैसे-
अनावश्यक कर्ज: आपने कार्ड के लिए बजट नहीं बनाया था, तो अनचाहा कर्ज हो सकता था।
पहचान की चोरी: अगर कार्ड किसी अनधिकृत व्यक्ति के हाथ लग गया तो उसका फर्जी इस्तेमाल हो सकता था।
अब बिना आपके स्पष्ट सहमति के क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता (बैंक और NBFC) कार्ड नहीं भेज सकेंगे। वहीं, अगर आपको बिना मांगा कार्ड मिलता है, तो आपके पास नीचे बताए गए अधिकार हैं।
एक्टिवेट न करें: कार्ड को एक्टिवेट करने के लिए PIN या OTP दर्ज न करें। इससे आप अनावश्यक रूप से एक्टिवेशन के जरिए क्रेडिट लाइन इस्तेमाल की अनुमति देते हैं। अगर कार्ड किसी और के हाथ लग गया तो गलत खर्च या धोखाधड़ी हो सकती है।
कार्ड जारीकर्ता से संपर्क करें: कार्ड जारीकर्ता से संपर्क करना जरूरी है। जानकारी लें कि कार्ड बैंक या NBFC ने जारी किया है। कई तरीकों से कस्टमर सर्विस से संपर्क किया जा सकता है।कुछ बैंक ऑनलाइन रिपोर्टिंग की सुविधा भी देते हैं।
जारीकर्ताओं को क्या होगा?
- नियम तोड़ने पर सजा। बिना अनुमति कार्ड भेजने वाले जारीकर्ताओं को दंड देय।
- आपकी शिकायत मिलने के 7 दिन के अंदर क्रेडिट कार्ड खाता निशुल्क बंद करना होगा।
- RBI जारीकर्ता पर जुर्माना लगा सकती है।
अपने अधिकारों की रक्षा करें
जारीकर्ता से हुए सभी बातों का रिकॉर्ड करें। इससे बाद में किसी विवाद की स्थिति में आपके काम आएगा। RBI लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कराने में भी मदद करेगा।