Gold की कीमतें ऑल-टाइम हाई पर, अभी खरीदें, होल्ड करें या मुनाफा बुक करें?

पिछले चार सालों में गोल्ड की कीमतें 100 फीसदी चढ़ी हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिन निवेशकों ने गोल्ड में काफी पहले निवेश किया था वे कुछ प्रॉफिट बुक कर सकते हैं। हालांकि, निवेशकों को एसेट ऐलोकेशन का ध्यान रखना होगा

अपडेटेड Sep 09, 2025 पर 9:54 PM
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एक्सपर्ट्स का कहना है कि वैश्विक स्थितियों को देखते हुए गोल्ड में तेजी जारी रहने की उम्मीद है।

सोने की कीमतें 9 सितंबर को नई उंचाई पर पहुंच गईं। इसने 1.1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का नया रिकॉर्ड बना दिया। कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में दिसंबर एक्सापयरी वाला गोल्ड फ्यूचर्स 1,10,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। फिजिकल गोल्ड की कीमतें इंडिया में 1,09,140 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गईं। जब कभी गोल्ड की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचती हैं इनवेस्टर्स के मन में तीन तरह के सवाल चलते हैं। पहला, क्या उन्हें गोल्ड में प्रॉफिट बुक करना चाहिए? दूसरा, क्या गोल्ड को अपने पास बनाए रखना चाहिए? तीसरा, क्या गोल्ड खरीदना चाहिए?

बीते चार साल में गोल्ड की कीमतें 100 फीसदी चढ़ीं

मोतीलाल फाइनेंशियल सर्विसेज में सीनियर ग्रुप वाइस प्रेसिडेंट नवनीत दमानी ने कहा कि पिछले चार सालों में Gold की कीमतें 100 फीसदी चढ़ी हैं। जिन निवेशकों ने गोल्ड में काफी पहले निवेश किया था वे कुछ प्रॉफिट बुक कर सकते हैं। हालांकि, निवेशकों को एसेट ऐलोकेशन का ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा, "आम तौर पर सोने में 7.5 से 10 फीसदी तक निवेश बनाए रखने की सलाह दी जाती है। अभी गोल्ड की कीमतों में तेजी दिख रही है। काफी कम समय में इसने तेज रफ्तार दिखाई है।"


सिल्वर में भी मिल सकता है शानदार रिटर्न

उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि अभी सिल्वर में बेहतर रिटर्न देने की क्षमता है। रिटेल इनवेस्टर्स मौजूदा स्थिति में सिल्वर में 5 फीसदी और गोल्ड में 2.5 फीसदी इनवेस्ट कर सकते हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने भी सिल्वर के पहले 1.35 लाख और उसके बाद 1.5 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाने की उम्मीद जताई है। ब्रोकरेज फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चांदी अगले 12-15 महीनों में इस लेवल पर पहुंच जाएगी।

गोल्ड में अब भी किया जा सकता है निवेश

हेक्सागोन वेल्थ के एमडी श्रीकांत भार्गव ने कहा, "इनवेस्टर्स अब भी गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें गोल्ड ईटीएफ में सिप से निवेश करना होगा। हमारा मानना है कि वैश्विक स्थितियों को देखते हुए गोल्ड में तेजी जारी रहेगी। अब जियोपॉलिटिकल से फिस्कल मसलों पर फोकस बढ़ रहा है।" पिछले कुछ समय से गोल्ड रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। इसमें विदेश से आने वाली खबरों का बड़ा हाथ है। भार्गव ने कहा कि गोल्ड में तेजी में केंद्रीय बैंकों की खरीदारी का बड़ा हाथ है। खासकर उभरते देशों के केंद्रीय बैंक गोल्ड में अपना निवेश बढ़ा रहे हैं।

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पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी 10 फीसदी बनाए रखी जा सकती है

भार्गव ने कहा कि इनवेस्टर्स मुनाफा वसूली करने की जगह अपने पोर्टफोलियो में गोल्ड बनाए रख सकते हैं। इसकी वजह यह है कि यह पोर्टफोलियो के लिए एक इंश्योरेंस पॉलिसी की तरह है। यह इनफ्लेशन और ग्लोबल रिस्क से पोर्टफोलियो को सुरक्षा देता है। इसलिए गोल्ड में 10 फीसदी इनवेस्टमेंट बनाए रखा जा सकता है।

डिसक्लेमर: मनीकंट्रोल पर व्यक्त विचार एक्सपर्ट्स के अपने विचार होते हैं। ये वेबसाइट या मैनेजमेंट के विचार नहीं होते। मनीकंट्रोल इनवेस्टर्स को इनवेस्टमेंट का फैसला लेने से पहले सर्टिफायड एक्सपर्ट्स की राय लेने की सलाह देता है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Sep 09, 2025 9:46 PM

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