ITR Filing: एआईएस में डेटा मिसमैच को हल्के में न लें, 5000 रुपये के फर्क से भी आ सकता है इनकम टैक्स नोटिस

छोटी सी गलती बड़ी परेशानी का सबब बन सकती है। एक टैक्सपेयर को इसलिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नोटिस भेजा क्योंकि उसने 5000 रुपये के इंटरेस्ट इनकम को डिक्लेयर नहीं किया था

अपडेटेड Sep 11, 2025 पर 7:43 PM
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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एसेसमेंट ईयर 2025-26 में ज्यादा टैक्स चुकाने वाले टैक्सपेयर्स की अतिरिक्त जांच कर रहा है।

आपने अपना एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) चेक कर लिया है? अगर नहीं तो जल्द चेक कर लें कि इसमें कोई गलत जानकारी नहीं है। टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस आ रहे हैं, जिनकी वजह एआईएस में गलत जानकारी है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख करीब आ गई है। इसलिए रिटर्न फाइल करने से पहले एक बार फॉर्म16, फॉर्म 26एएस और एआईएस के डेटा को चेक कर लेना जरूरी है।

छोटी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का सबब बन सकती है

टैक्सबडी डॉट कॉम के फाउंडर सुजीत बांगर ने कहा कि छोटी सी गलती बड़ी परेशानी का सबब बन सकती है। बांगर ने एक ऐसे मामले के बारे में बताया है, जिसमें टैक्सपेयर को इसलिए Income Tax Department ने नोटिस भेजा क्योंकि उसने 5000 रुपये के इंटरेस्ट इनकम को डिक्लेयर नहीं किया था। कई लोग इंटरेस्ट इनकम को कुल इनकम में जोड़ना भूल जाते हैं। उन्हें लगता है कि इस छोटे अमाउंट को जोड़ने की जरूरत नहीं है।


एआईएस के डेटा को ठीक से चेक करने के बाद भरें रिटर्न

एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) टैक्सपेयर्स के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन का एक कंसॉलिडेटेड रिकॉर्ड है। इसमें उसकी इनकम, काटा गया टैक्स, बैंक सहित दूसरी फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस की तरफ से दी गई हाई वैल्यू फाइनेंशियल ट्रांजेक्शंस की जानकारी शामिल होती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म में दी गई जानकारियों को एआईएस के डेटा से चेक करता है। अगर सिस्टम को किसी तरह का मिसमैच दिखता है तो टैक्सपेयर्स को ऑटोमेटेड नोटिस चला जाता है।

इन बातों का रखें खास ख्याल नहीं तो आ सकता है नोटिस

टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। पहला, बैंक इंटरेस्ट की जानकारी शिड्यूल ओएस में ग्रॉस बेसिस पर देना जरूरी है। पूरे डिविडेंड की भी जानकारी देना जरूरी है। आपको चार्जेज या फीस घटाकर डिविडेंड की जानकारी नहीं देनी है। एआईएस में इक्विटी या म्यूचुअल फंड से मिलेज कैपिटल गेंस की हर जानकारी को आईटीआर में देना जरूरी है। अगर रेंटल इनकम है तो उसकी जानकारी टीडीएस डिडक्शन के साथ 'इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी' हेड के तहत होनी चाहिए। इसका टीडीएस से मैच करना भी जरूरी है।

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ज्यादा टैक्स चुकाने वाले लोगों पर डिपार्टमेंट की करीबी नजर

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एसेसमेंट ईयर 2025-26 में ज्यादा टैक्स चुकाने वाले टैक्सपेयर्स की अतिरिक्त जांच कर रहा है। बांगर ने कहा कि ऐसे टैक्सपेयर्स जिनकी इनकम 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है, उन्हें शिड्यूएल एएल में साल के अंत में अपने एसेट्स और लायबिलिटीज के बारे में बताना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने अब तक रिटर्न फाइल नहीं किया है तो उसे जल्द रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। अंतिम वक्त में रिटर्न फाइल करने में दिक्कत आती है, क्योंकि सिस्टम पर लोड बढ़ जाता है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Sep 11, 2025 7:33 PM

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