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Credit Card Charges: क्रेडिट कार्ड से गलत कट गया चार्ज? जानिए अपने पैसे जल्दी पाने के 6 असरदार तरीके

Credit Card Dispute: क्रेडिट कार्ड से गलत चार्ज होने पर जल्दी पहचानकर सही कार्रवाई करना जरूरी है। व्यापारी से संपर्क करें, बैंक को तुरंत सूचित करें, फॉर्म भरें और प्रगति पर नजर रखें। RBI नियमों के तहत आपका पैसा सुरक्षित रहता है।

अपडेटेड Jun 03, 2025 पर 3:04 PM
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अगर क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में कोई गलती नजर आए तो जल्द कार्रवाई करें।

Credit Card Charges: आजकल क्रेडिट कार्ड हमारी जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन चुके हैं। पर इनके इस्तेमाल में कुछ परेशानियां भी आ सकती हैं, जैसे कि एक से ज्यादा बार चार्ज होना, बिना आपकी अनुमति के ट्रांजैक्शन हो जाना, या बिल में कोई गलती होना। ऐसे समय में जरूरी है कि आप जल्दी और सही तरीके से इन गलतियों को सही करें और अपना नुकसान होने से बचाएं।

आइए 6 कारगर तरीके जानते हैं, जिनकी मदद से अपनी क्रेडिट कार्ड से जुड़ी समस्या को पहचान सकते हैं और अपना नुकसान होने से बचा सकते हैं।

सबसे पहले समस्या को समझें


जब आप किसी ट्रांजैक्शन पर सवाल उठाएं, तो पहले यह जान लें कि वह सच में गलत है या नहीं। गलत चार्जिंग के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि एक जैसा दोहराया हुआ लेनदेन, बिना आपकी अनुमति का इस्तेमाल, व्यापारी की बिलिंग में गलती, आपने जो सब्सक्रिप्शन बंद किया था उसका चार्ज आना या फिर रकम गलत होना। कभी-कभी व्यापारी अलग-अलग तरीके से बिलिंग करते हैं, इसलिए अपनी ईमेल, ऐप हिस्ट्री या रसीद चेक कर लें ताकि गलती की सही पहचान हो सके।

सारी जरूरी जानकारियां नोट करें

ट्रांजैक्शन की सही जानकारी रखना जरूरी है। जैसे कि ट्रांजैक्शन आईडी, तारीख, रकम, व्यापारी का नाम और व्यापारी के साथ हुई बातचीत का रिकॉर्ड। ईमेल या बैंक स्टेटमेंट के स्क्रीनशॉट भी रख लें ताकि जरूरत पड़ने पर वे आपके सबूत बन सकें।

पहले व्यापारी से बात करें

अक्सर विवाद का समाधान सीधे व्यापारी (merchant)से बात करके हो जाता है। अगर गलती से दो बार चार्ज हुआ हो तो वे बिना बैंक के बीच में आए इसे सही कर सकते हैं। फोन पर बात करने के बाद, इस बातचीत की पुष्टि ईमेल से करना न भूलें ताकि आपके पास सबूत रहे।

फिर बैंक को सूचित करें

अगर व्यापारी से समस्या का हल न निकले, तो तुरंत अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता को बताएं। अधिकतर बैंक मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग, फोन या ईमेल से विवाद दर्ज करने की सुविधा देते हैं। ध्यान रखें कि शिकायत 30 से 60 दिन के अंदर करनी होती है, इसलिए देरी न करें।

शिकायत फॉर्म भरना जरूरी?

कुछ बैंकों को विवाद शुरू करने के लिए आधिकारिक फॉर्म भरना पड़ता है, जिसमें आप अपनी समस्या का पूरा विवरण देते हैं। इसे साइन करके बैंक को भेजें और अपनी कॉपी संभाल कर रखें।

प्रोसेस पर नजर रखें

आम तौर पर बैंक 7 से 30 दिन में विवाद का निपटारा कर देते हैं। इस दौरान वे आपकी रकम को खाते से अस्थायी तौर पर न काटकर रोक सकते हैं या आपको अस्थायी क्रेडिट भी दे सकते हैं। बैंक आपको फोन, ईमेल या मैसेज से जानकारी देता रहेगा। अगर फैसला आपके पक्ष में आता है तो रकम वापस मिल जाएगी।

अपने अधिकार जानें

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, अगर आपने समय पर शिकायत कर दी, तो आप किसी भी धोखाधड़ी वाले ट्रांजैक्शन के लिए जिम्मेदार नहीं होते। इस स्थिति में बैंक आपके नुकसान की भरपाई करता है। आप बिना अपनी अनुमति के हुए किसी भी ट्रांजैक्शन को चुनौती दे सकते हैं। अगर बैंक से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता तो आप बैंकिंग ओम्बुड्समैन से भी शिकायत कर सकते हैं।

अगर क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में कोई गलती नजर आए तो जल्द कार्रवाई करें। विवाद दर्ज करना सिर्फ गलती सुधारने का तरीका नहीं, बल्कि अपने पैसों और अधिकारों की सुरक्षा भी है। सही समय पर सही कदम उठाने से आप अपनी वित्तीय सुरक्षा और क्रेडिट हिस्ट्री दोनों को ठीक रख सकते हैं।

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