Delhi EV Policy 2.0 Draft: पेट्रोल बाइक-स्कूटी बैन, CNG ऑटो भी बंद; 10 प्वाइंट में समझें पूरी डिटेल
दिल्ली सरकार की नई EV पॉलिसी 2.0 के तहत CNG ऑटो और पेट्रोल टू-व्हीलर पर बैन प्रस्तावित है। इसका लक्ष्य वायु प्रदूषण कम करना और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है। चार्जिंग सुविधा भी बढ़ाई जाएगी।
जिन परिवारों के पास पहले से दो गाड़ियां हैं, उनकी अगली कार अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रिक ही होनी चाहिए।
Delhi EV Policy 2.0 Draft: दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति 2.0 का ड्राफ्ट जारी किया है। इसका मकसद शहर में प्रदूषण को घटाना और इलेक्ट्रिक गाड़ियों को तेजी से अपनाना है। मौजूदा नीति 31 मार्च को समाप्त हो चुकी थी, जिसे 15 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया था। नई नीति अब कैबिनेट की मंजूरी के बाद लागू होगी।
EV की जानकारी WhatsApp पर
अब दिल्ली के लोग वॉट्सऐप के जरिए इलेक्ट्रिक गाडियों से जुड़ी जानकारियां आसानी से पा सकेंगे। जैसे कि चार्जिंग स्टेशन, सब्सिडी और गाइडलाइंस।
CNG ऑटो के लिए रजिस्ट्रेशन बंद
15 अगस्त 2025 से दिल्ली में नए CNG ऑटो का रजिस्ट्रेशन बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद केवल इलेक्ट्रिक ऑटो के परमिट जारी होंगे। साथ ही, 10 साल से पुराने CNG ऑटो को या तो हटाना होगा या इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट करना होगा।
पेट्रोल-डीजल टू-व्हीलर बंद करने का प्रस्ताव
15 अगस्त 2026 से पेट्रोल, डीजल और CNG टू-व्हीलर की बिक्री बंद करने का प्रस्ताव है। चूंकि टू-व्हीलर दिल्ली में प्रमुख यातायात साधन हैं, इसलिए इस बदलाव का काफी व्यापक असर होगा।
मालवाहक गाड़ियों में बदलाव
15 अगस्त 2025 के बाद से डीजल, पेट्रोल और CNG वाले नए तीन-चक्के वाले मालवाहक वाहन रजिस्टर्ड नहीं किए जाएंगे। इसका असर ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक्स सेक्टर पर पड़ेगा, जिसे इलेक्ट्रिक विकल्पों की ओर जाना होगा।
कचरा गाड़ियां होंगी पूरी तरह इलेक्ट्रिक
31 दिसंबर 2027 तक सभी नगरपालिका इकाइयों- MCD, NDMC और जल बोर्ड की कचरा बटोरने वाली गाड़ियों को इलेक्ट्रिक बनाया जाएगा।
शहर की बसें अब इलेक्ट्रिक
दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (DTC) और DIMTS की नई बसें अब केवल इलेक्ट्रिक ही खरीदी जाएंगी। हालांकि, अंतरराज्यीय बसों के लिए भारत स्टेज VI मानक लागू रहेंगे।
तीसरी कार की शर्त: सिर्फ EV
जिन परिवारों के पास पहले से दो गाड़ियां हैं, उनकी अगली कार अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रिक ही होनी चाहिए। यह नियम पॉलिसी अधिसूचना के बाद से लागू होगा।
कैबिनेट समीक्षा में बदलाव संभव
ड्राफ्ट नीति में कैबिनेट समीक्षा के बाद कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। खासकर, टू-व्हीलर बैन जैसे संवेदनशील प्रस्तावों में बदलाव होने संभावना है।
नई पॉलिसी का मुख्य मकसद
EV नीति 2.0 का मुख्य लक्ष्य है, दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार लाना। निजी, वाणिज्यिक और सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक ऑप्शन में बदलने करने पर खास जोर है।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
दिल्ली भर में नए EV चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे ताकि लोगों को चार्जिंग में कोई परेशानी न हो। इससे ग्राहकों का झुकाव अपनेआप इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर बढ़ेगा।