Dhanteras 2023: क्या आप भी फेस्टिवल खासकर धनतेरस पर गोल्ड खरीदने का प्लान कर रहे हैं? धनतेरस पर गोल्ड, सिल्वर और नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। इस साल धनतेरस 10 नवंबर का है। अगर आप भी धनतेरस पर गोल्ड या सोने के गहने खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो इन 8 जरूरी बातों का ध्यान रखें। ताकि, आप अपने बजट में सही प्योर गोल्ड बिना किसी फाइनेंशियल बोझ के खरीद सकें। ये गोल्ड आपके भविष्य के लिए एक एसेट्स साबित हो, तो इन टिप्स को हमेशा ध्यान रखें।
1. शुद्धता यानी प्योरिटी: सोना खरीदते समय शुद्धता का सबसे ज्यादा महत्व होता है। सोने की शुद्धता कैरेट में मापी जाती है। देश में 24 कैरेट सोने की कीमत सबसे अधिक होती है। आप जो सोना खरीद रहे हैं उसकी शुद्धता की जांच करना जरूरी है, क्योंकि मिलावटी सोना एक बड़ी समस्या है। BIS यानी भारतीय मानक ब्यूरो हॉलमार्क वाले सोने के गहने या सोने के सिक्के खरीदने के लिए कहता है। प्योरिटी का निशान गोल्ड के गहने और सिक्कों पर होना जरूरी है। अगर ये नहीं है तो आप ऐसी ज्वैलरी या गोल्ड कॉइन न खरीदें।
2. वजन और कीमत: सोने की कीमत उसके वजन के आधार पर तय की जाती है और मार्केट रेट में उतार-चढ़ाव हो सकता है। आप जो सोने के गहने या सोने का सिक्का खरीद रहे हैं उसका वजन अवश्य जांच लें और कॉस्ट के कैलकुलेशन और मार्केट रेट को जरूर चेक कर लें। ज्वैलर्स अक्सर ज्वैलरी या कॉइन पर भी मेकिंग चार्ज या वेस्टेज चार्ज लेते हैं, जो डिजाइन के आधार पर अलग हो सकती है। ज्यादा पेमेंट करने से बचने के लिए मेकिंग चार्ज जरूर चेक कर लें।
4. गोल्ड खरदीने का कारण: त्योहार पर खासकर धनतेरस पर गोल्ड खरीदना शुभ माना जाता है। गोल्ड खरीदते समय ये ध्यान रखें कि क्या यह निवेश के लिए है या अपने इस्तेमाल के लिए या त्योहार मनाने या त्योहार से जुड़े इमोशनल जुड़ाव के कारण खरीदारी कर रहे हैं? यदि आप निवेश के रूप में सोना खरीद रहे हैं, तो आप सोने की छड़ें या सिक्के चुनना चाहेंगे क्योंकि उन्हें बेचना या खरीदना आसान होता है। दूसरी ओर गहनों का मेकिंग चार्ज होता है। इन्हें खरीदना और बेचना सिक्कों की तुलना थोड़ा महंगा होता है।
5. सर्टिफिकेशन: सोने के गहने खरीदते समय सर्टिफिकेशन के साइन जरूर चेक करें। इसमें सोने की शुद्धता और वजन पर ध्यान दें। हॉलमार्क का निशान भी जरूर देंखें क्योंकि इससे भविष्य में सोना बेचना या बदलना आसान हो जाता है।
6. रिटर्न और एक्सचेंज पॉलिसी: ज्वैलर या सेलर की रिटर्न या एक्सचेंज पॉलिसी जरूर चेक करें। यदि आप किसी भी कारण से सोना वापस करना या बदलना चाहते हैं तो उनकी नीतियों को जानना आवश्यक है। नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ें और खरीदारी से संबंधित सभी रसीदें और डॉक्यूमेंट संभाल कर रखें।
7. सेफ्टी: एक बार जब आप सोना खरीद लें, तो उसके स्टोरेज और सेफ्टा का ध्यान रखें। सोना एक वैल्युबल एसेट होता है। इसके चोरी या टूटने का खतरा हमेशा रहता है। अपना सोना रखने के लिए बैंक में सुरक्षित लॉकर या घर में सुरक्षित लॉकर में रखें। इसकी स्टोरेज और सेफ्टी पर पहले ध्यान दें। ताकि, किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सके।
8. क्रेडिट कार्ड से न खरीदें गोल्ड: कर्ज में डूबने या सोना खरीदने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने से बचें क्योंकि इससे बिना बात का फाइनेंशियल तनाव बढ़ता है।