दीवाली के शुभ अवसर पर सोने में निवेश करना पारंपरिक रूप से बहुत शुभ माना जाता है, लेकिन इस साल डिजिटल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड दोनों के बीच निवेशकों के मन में सवाल हैं कि कौन सा विकल्प ज्यादा सही रहेगा। डिजिटल गोल्ड एक आधुनिक और सरल तरीका है, जिसमें आप छोटे-छोटे अंश खरीद सकते हैं और उसे ऑनलाइन सुरक्षित रख सकते हैं। वहीं, फिजिकल गोल्ड में सोने के आभूषण, सिक्के और बार आते हैं, जो आपको सराहना और सांस्कृतिक महत्व देते हैं।
डिजिटल गोल्ड की सबसे बड़ी खासियत इसकी आसानी और तरलता है। इसमें निवेश करने के लिए मोबाइल ऐप या वेबसाइट का सहारा लिया जाता है, और आप कभी भी इसे खरीद या बेच सकते हैं। इसमें चोरी और स्टोरेज की चिंता नहीं होती, क्योंकि आपका सोना प्रमाणित वॉल्ट्स में सुरक्षित रहता है। डिजिटल गोल्ड का न्यूनतम निवेश एक रुपये से भी शुरू हो सकता है, जिससे यह आम निवेशकों के लिए सुलभ है।
वहीं, फिजिकल गोल्ड में स्टोरेज का जोखिम रहता है, साथ ही इसे सुरक्षित रखने के लिए लॉकर या घर में सुरक्षित जगह की जरूरत होती है। इसके अलावा, फिजिकल गोल्ड पर 3% GST और ज्वेलरी खरीदने पर मेकिंग चार्जेज भी लगते हैं, जो इसके दाम को थोड़ा महंगा बना देते हैं। फिजिकल गोल्ड का सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व अधिक होता है, खासकर शादियों और पारंपरिक अवसरों पर।
वित्तीय दृष्टिकोण से देखें तो डिजिटल गोल्ड अधिक पारदर्शी होता है क्योंकि इसकी कीमतें रीयल-टाइम मेंीअपडेट होती हैं, और इस पर कोई मेकिंग चार्ज नहीं लगता। जबकि फिजिकल गोल्ड की कीमत में डीलर के प्रीमियम और मेकिंग चार्ज शामिल होते हैं, जो निवेश के रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं।
यदि निवेशक सुविधा, छोटे निवेश, और ऑनलाइन सुरक्षा चाहते हैं तो डिजिटल गोल्ड बेहतर विकल्प है। वहीं, यदि आपको सोना मालिकाना और सांस्कृतिक महत्व के लिए चाहिए, तो फिजिकल गोल्ड खरीदना उपयुक्त रहेगा। दीवाली 2025 के निवेश के लिए आपकी प्राथमिकताओं और जरूरतों के आधार पर सही विकल्प चुनना ही बुद्धिमानी होगी।