दिवाली पर मिलने वाले फेस्टिवल बोनस के चलते त्योहार की खुशियां दोगुनी हो जाती हैं। लेकिन, बोनस के पैसे को दिवाली पर पूरी तरह से खर्च कर देना समझदारी नहीं है। एक्सपर्टस का कहना है कि आपको बोनस के कुछ हिस्से का इस्तेमाल त्योहार पर करना चाहिए। लेकिन, पूरा पैसा त्योहार पर खर्च कर देना समझदारी नहीं है। बोनस के पैसे का इस्तेमाल सोचसमझकर करना बहुत जरूरी है।
50 फीसदी बोनस का ही इस्तेमाल त्योहारी खर्च के लिए
स्क्रिपबॉक्स के फाउंडर अतुल सिंघल का कहना है कि Diwali Bonus के 50 फीसदी पैसे का इस्तेमाल त्योहार और लाइफस्टाइल से जुड़ी चीजें खरीदने के लिए किया जा सकता है। बाकी 50 फीसदी पैसे का इस्तेमाल अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाने के लिए किया जाना चाहिए। अगर आपने कोई पर्सनल लोन लिया है तो उसका रीपेमेंट कर उस लोन को खत्म कर सकते हैं। अगर आपने किसी दोस्त या रिश्तेदार से कर्ज लिया है तो उसे पैसे वापस कर सकते हैं। बाकी पैसे का इस्तेमाल आप म्यूचुअल फंड में इनवेस्ट करने के लिए कर सकते हैं। अगर आपका कोई लोन नहीं चल रहा है तो आप ज्यादा इनवेस्टमेंट कर सकते हैं।
ज्यादा इंटरेस्ट रेट वाले पर्सनल लोन का पेमेंट करें
फिनोवेट के सीईओ नेहल मोटा ने कहा कि बोनस के पैसे के इस्तेमाल को लेकर ऐसा कोई फॉर्मूला नहीं है जो सभी लोगों के लिए सही हो। उन्होंने कहा, "व्यक्ति अपनी जरूरत और वित्तीय स्थिति के हिसाब से इस पैसे के इस्तेमाल का प्लान बना सकता है। अगर आपने ज्यादा इंटरेस्ट रेट पर लोन लिया है तो सबसे पहले आपको उसे चुकाने पर फोकस करना चाहिए।" ऐसे लोग जिनका कोई लोन नहीं चल रहा है वे इस पैसे का इस्तेमाल इनवेस्टमेंट के लिए कर सकते हैं।
त्योहार पर खर्च के लिए बजट जरूर बनाएं
सिंघल ने कहा कि त्योहार के लिए बजट बनाना जरूरी है। इससे आप कोई ऐसा खर्च करने से बच सकते हैं, जिसको लेकर आपको बाद में अफसोस हो सकता है। कई बार त्योहारों के दौरान हम ऐसी चीजें खरीद लेते हैं, जिसकी जरूरत नहीं थी। इन्हें खरीदने पर काफी पैसा खर्च हो जाता है। खासकर त्योहारों के दौरान क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करने से बचें। दूसरा जब तक बहुत जरूरी नहीं हो जाए आपको किसी बड़ी खरीदारी के लिए पर्सनल लोन लेने से भी बचना चाहिए। क्रेडिट कार्ड पर बैलेंस बेचने पर आपको उस पर काफी ज्यादा इंटरेस्ट चुकाना पड़ता है।
खर्च के प्लान की जगह बनाए इनवेस्टमेंट का प्लान
एक्सपर्ट्स का कहना है कि खर्च की जगह आपको इनवेस्टमेंट का प्लान बनाना चाहिए। आप म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़ा सकते हैं। अगर आपने इमर्जेंसी फंड नहीं बनाया है या आपका इमर्जेंसी फंड कम रह गया है तो आप इसके लिए बोनस के पैसे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इमर्जेंसी फंड आपको कर्ज लेने से रोकता है। पर्सनल लोन का इंटरेस्ट रेट ज्यादा होता है। इमर्जेंसी फंड नहीं होने पर अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर हम पर्सनल लोन लेने को मजबूर हो जाते हैं।