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स्मॉल-कैप फंड क्रैश करने की खबर से घबराने की जरूरत नहीं, जानिए आपको क्या करना चाहिए

2019 में BSE 250 Small Cap Index ने करीब 8.5 फीसदी निगेटिव रिटर्न दिया था। 2020 में यह 27 फीसदी चढ़ा था। 2021 में इसने करीब 60 फीसदी तेजी दिखाई

अपडेटेड Jun 15, 2022 पर 11:43 AM
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पिछले 10 साल में सेंसेक्स 250 स्मॉल कैप इंडेक्स ने करीब 9 फीसदी रोलिंग रिटर्न दिया है।

इस साल स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड (MF) स्कीमों में औसतन 10 फीसदी गिरावट आ चुकी है। 2021 में इन स्कीमों ने औसतन 60 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया था। BSE Sensex TRI Index इस साल अब तक करीब 5 फीसदी गिर चुका है, जबकि BSE 250 Small Cap Index करीब 12.5 फीसदी फिसल चुका है। हालांकि, लंबी अवधि में स्मॉल-कैप फंड्स का प्रदर्शन दूसरे के मुकाबले बेहतर रहता है। ऐसे में सवाल है कि क्या यह स्मॉल-कैप स्टॉक्स और फंड्स में निवेश बढ़ाने का सही समय है?

स्मॉल-कैप फंड्स में बहुत उतार-चढ़ाव हो सकता है। उदाहरण के लिए 2019 में BSE 250 Small Cap Index ने करीब 8.5 फीसदी निगेटिव रिटर्न दिया था। 2020 में यह 27 फीसदी चढ़ा था। 2021 में इसने करीब 60 फीसदी तेजी दिखाई। सेबी ने स्मॉल-कैप स्टॉक्स की जो परिभाषा तय की है, उसके मुताबिक इस कैटेगरी में 1,000 से ज्यादा स्टॉक्स शामिल हैं।

अब तक के डेटा को देखने से पता चलता है कि अगले तीन से पांच साल में स्मॉल-कैप कैटेगरी में उतार-चढ़ाव रहेगा। लेकिन 10 साल या इससे ज्यादा अवधि में स्थिति ठीक हो जाएगी। आर्थिक स्थितियों और पॉलिसी का असर छोटी अवधि में दिखता है।


एडलवाइज एसेट मैनेजमेंट के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर (इक्विटी) त्रिदीप भट्टाचार्य ने कहा, " छोटी कंपनियां आर्थिक स्थितियों में आए बदलाव के असर से खुद को बचा नहीं पाती हैं। जब इंटरेस्ट रेट बढ़ रहा होता है तो ग्रोथ वाले स्टॉक्स की वैल्यूएशंस पर असर पड़ता है। अभी यही स्थिति दिख रही है। कई छोटी कंपनियां ग्रोथ आधारित हैं, जिसके चलते वैल्यूएशंस में कमी आ रही है।"

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ICIC प्रूडेंशियल एएमसी के सीनियर फंड मैनेजर हरीश बिहानी ने कहा, "आर्थिक स्थितियों में बदलाव का असर छोटी कंपनियों पर पड़ता है। हालांकि, कुछ ऐसी कंपनियां हैं, जो इस असर से बची रह सकती हैं। इस तरह के शेयरों की संख्या कम नहीं है और इनवेस्टर्स इनमें निवेश कर सकते हैं।"

निवेश के लिए किसी कैटेगरी के शेयरों को सेलेक्ट करने के लिए रिसर्च की जरूरत होती है। कंपनी और उसके बिजनेस के बारे में समझना जरूरी होता है। कई बार ब्रोकरेज फर्मों कंपनियों के बारे में रिसर्च रिपोर्ट जारी करती हैं। लेकिन, छोटी कंपनियों के बारे में ज्यादा रिसर्च रिपोर्ट नहीं आती हैं। इसलिए अगर आपके पास खुद रिसर्च करने का वक्त नहीं है तो एक अच्छा ऑप्शन स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंडों में निवेश करना है। करीब 25 स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड्स स्कीमें मार्केट में उपलब्ध हैं।

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आपको अपने लिए सही फंड का चुनाव करना होगा। आपको यह देखना होगा कि बेंचमार्क के मुकाबले किस स्कीम का प्रदर्शन सबसे अच्छा है। इसका मतलब है कि उसमें उतार-चढ़ाव कम है। आपको ऐसे फंड को सेलेक्ट करना चाहिए, जिसका प्रदर्शन कम से कम तीन से पांच साल में अच्छा रहा हो। चूंकि, हर फंड मैनेजर की स्ट्रैटेजी अलग-अलग होती है तो डायवर्सिफिकेशन के लिए दो-तीन स्कीमों में निवेश करना ठीक रहेगा।

पिछले 10 साल में सेंसेक्स 250 स्मॉल कैप इंडेक्स ने करीब 9 फीसदी रोलिंग रिटर्न दिया है। इसके मुकाबले 11 स्मॉल-कैप फंडों का एवरेज 10-ईयर रोलिंग रिटर्न करीब 15 फीसदी रहा है। इसलिए अपने पोर्टफोलियो में स्मॉल-कैप फंड रखना जरूरी है। हां, आपको इसमें होने वाले उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना होगा।

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