बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच भी निवेश किया जा सकता है। इसकी वजह यह है कि निवेश के लिए सही समय की पहचान करना किसी के लिए मुमकिन नहीं है। अगर आप पहली बार शेयरों में निवेश कर रहे हैं तो आपको धीरे-धीरे शेयरों में पैसे लगाना चाहिए। यह कहना है कि एनजे इंडिया इनवेस्ट (NJ India Invest) के को-फाउंडर नीरज चोकसी (Neeraj Choksi) का। एनजे इंडिया इनवेस्ट इंडिया का सबसे बड़ा म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर है।
चोकसी ने शेयर बाजार की मौजूदा स्थिति के बारे में मनीकंट्रोल से खुलकर बातचीत की। उन्होंने यह भी बताया कि निवेशकों को किस तरह की निवेश रणनीति अपनानी चाहिए।
चोकसी ने कहा कि निवेशकों को कम से कम 5 साल तक शेयरों में पैसे बनाए रखना चाहिए। इससे पैसा डूबने की आशंका कम हो जाती है। दूसरा, निवेशकों को फ्लेक्सीकैप फंड में निवेश करना चाहिए। साल में एक बार या हर छह महीने पर अपने पोर्टफोलियो की रीबैलेंसिंग जरूरी है।
निवेश के दूसरे विकल्पों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, गोल्ड म्यूचुअल फंड्स और सॉवरेन गोल्ड फंड की वजह से गोल्ड में निवेश करना आसान हो गया है। लेकिन, बतौर फाइनेंशियल एसेट्स निवेशकों को कमोडिटीज और फाइनेंशियल एसेट्स में निवेश की सलाह नहीं दी जा सकती। कमोडिटीज का नेचर बहुत साक्लिकल है, जिससे इसमें सही समय पर एंट्री और एग्जिट मुश्किल होता है। रियल एस्टेट में लिक्विडिटी नहीं है।
चोकसी ने कहा कि लोग म्यूचुअल फंड्स की कई स्कीमों में इनवेस्ट करते हैं। ऐसा करना ठीक नहीं है। एक निवेशक के लिए 4-5 स्कीमें पर्याप्त हैं। आपका मकसद डायवर्सिफिकेशन होना चाहिए। डायवर्सिफिकेशन के लिए कई स्कीमों में निवेश करने के बजाय आपको स्कीम के मैनेजमेंट स्टाइल को देखना चाहिए। उदाहरण के लिए लार्जकैप, मिडकैप, एक्टिव फंड्स, स्मार्ट बीटा फंड्स आदि की मदद से आप डायवर्सिफिकेशन कर सकते हैं। इससे आपकी एक स्कीम का पोर्टफोलियो दूसरी स्कीम के पोर्टफोलियो से मैच नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि किसी स्कीम में निवेश करने से पहले आपको यह देख लेना चाहिए कि उसमें निवेश से आपका मकसद पूरा होता है या नहीं। आपको फंड हाउस के इनवेस्टमेंट प्रोसेस को भी देखना चाहिए। अगर आपको कोई फंड अपने हिसाब से सही लगता है तो इससे फर्क नहीं पड़ता कि वह नया है या पुराना है।