म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न से कम रहता है इनवेस्टर्स का रिटर्न: Axis MF Study

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टर्स का रिटर्न कम होने की एक बड़ी वजह यह है कि ज्यादा इनवेस्टर्स के पास लंबे समय तक स्कीम में निवेश बनाए रखने का धैर्य नहीं होता

अपडेटेड Sep 13, 2022 पर 3:48 PM
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एक्सिस एमएफ की इस स्टडी में 31 मार्च, 2022 से लेकर 20 साल पहले तक के रिटर्न को ध्यान में रखा गया।

अगर आप म्यूचुअल फंड की स्कीमों में निवेश करते हैं तो फिर उसके रिटर्न का अंदाजा आपको होगा। लॉन्ग टर्म में इन स्कीमों का रिटर्न बहुत अच्छा रहता है। लेकिन, एक स्टडी से पता चला है कि किसी स्कीम की फैक्ट शीट में जो रिटर्न दिखाया जाता है उसके मुकाबले इनवेस्टर्स का रिटर्न काफी कम होता है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टर्स का रिटर्न कम होने की एक बड़ी वजह यह है कि ज्यादा इनवेस्टर्स के पास लंबे समय तक स्कीम में निवेश बनाए रखने का धैर्य नहीं होता। एक्सिस म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट से यह पता चलता है कि फंड के प्वॉइंट-टू-प्वॉइंट रिटर्न और SIP के रिटर्न के मुकाबले इनवेस्टर्स का रिटर्न काफी कम रहा है। इस स्टडी में इक्विटी, हाइब्रिड और डेट फंडों के रिटर्न को शामिल किया गया।

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एक्सिस एमएफ की इस स्टडी में 31 मार्च, 2022 से लेकर 20 साल पहले तक के रिटर्न को ध्यान में रखा गया। इसमें यह पाया गया कि एक्टिवली-मैनेज्ड इक्विटी फंड्स का रिटर्न 19.1 फीसदी रहा। इसके मुकाबले इनवेस्टर्स का रिटर्न सिर्फ 13.8 फीसदी रहा। हाइब्रिड फंड्स का रिटर्न 12.5 फीसदी रहा। लेकिन इनवेस्टर्स का रिटर्न करीब 7.4 फीसदी रहा।

SIP के इनवेस्टर्स का रिटर्न भी बहुत अच्छा नहीं रहा। इक्विटी SIP के इनवेस्टर्स का रिटर्न 15.2 फीसदी रहा। हाइब्रिड SIP इनवेस्टर्स का रिटर्न 10.1 फीसदी रहा। SIP छोटे और इंडिविजुअल इनवेस्टर्स के बीच ज्यादा लोकप्रिय है।

mutual fund return

इस स्टडी के लिए एक्सिस एमएफ ने रेगुलर ग्रोथ प्लान स्कीमों के रिटर्न और सभी ओपन-एंडेड स्कीमों के मंथली एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) को शामिल किया। इस स्टडी में स्कीम में इनफ्लो और आउटफ्लो को भी ध्यान में रखा गया। फंड हाउस ने कहा है कि स्टडी से 5 साल और 10 साल की अवधि में भी इनवेस्टर्स का रिटर्न फंडों के मुकाबले कम रहा।

इनवेस्टर्स का रिटर्न कम रहने का मुख्य कारण उनके व्यवहार को माना गया। कुछ इनवेस्टर्स शेयर बाजार में गिरावट आने पर अपना SIP रोक देते हैं। कुछ इनवेस्ट्स अपना पैसा डूबने से बचाने के लिए अपना पैसा निकाल लेते हैं।

जीवंतिका के को-फाउंडर विजयी मंत्री ने कहा, "कई इनवेस्टर्स छोटी-छोटी खबरों पर जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया दिखाते हैं। जब मार्केट में गिरावट आती है तो वे सुरक्षा के लिए अपने पैसे निकाल लेते हैं। स्मार्ट इनवेस्टर्स इसका फायदा उठाते हैं।"

इसका सबक यह है कि इनवेस्टर्स को उतार-चढ़ाव को सामान्य रूप से लेना चाहिए। बेहतर पिछले रिटर्न को देखकर कई निवेशक पैसे लगाने का फैसला करते हैं। लेकिन, स्थिति बदलते ही वे पैसा निकालने के बारे में सोचने लगते हैं।

गेनिंग ग्राउंड इनवेस्टमेंट सर्विसेज के फाउंडर रवि कुमार टीवी ने कहा कि कई निवेशक बेस्ट रिटर्न वाली स्कीमों को सेलेक्ट करने पर बहुत ज्यादा जोर देते हैं। लेकिन, पूरी मार्केट साइकिल के दौरान शायद ही अपना निवेश बनाए रखते हैं।

सिर्फ पिछले रिटर्न को देखकर शेयरों जैसे हाई रिस्क एसेट्स में निवेश करना ठीक नहीं है। खासकर नए निवेशकों को ऐसा करने से बचना चाहिए। मार्केट के उतार-चढ़ाव पर ध्यान दिए बगैर फाइनेंशियल गोल को ध्यान में रख ठीक तरह से बनाए गए फाइनेंशियल प्लान के साथ बने रहना चाहिए।

MoneyControl News

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First Published: Sep 13, 2022 3:46 PM

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