Education in Foreign: एक सर्वे के अनुसार तीन-चौथाई से अधिक अमीर भारतीय अपने बच्चों को विदेश में पढ़ाई के लिए भेज चुके हैं या भेजने की योजना बना रहे हैं। सर्वे में 1,456 भारतीयों को शामिल किया गया, जिनके पास 84 लाख रुपये से लेकर लगभग 17 करोड़ रुपये तक के निवेश के लिए सेविंग है। इनमें से 78% ने बताया कि वे अपने बच्चों के लिए विदेशी शिक्षा चाहते हैं।
फॉरेन में पढ़ने के लिए ये हैं फेमस डेस्टिनेशन
HSBC के ग्लोबल क्वालिटी ऑफ लाइफ 2024 सर्वे के अनुसार भारतीयों के लिए सबसे पसंदीदा देश पढ़ाई के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका है। इसके बाद यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर का स्थान आता है। सर्वे में पाया गया कि भारतीय माता-पिता अपने बच्चों को विदेश में शिक्षा दिलाने के लिए वित्तीय चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार हैं। विदेश में पढ़ाई का सालाना खर्च लगभग 62,364 डॉलर (लगभग 51 लाख रुपये) है, जो पेरेंट्स की रिटायरमेंट सेविंग का 64% तक हो सकता है।
एजुकेशन की क्वालिटी पर है फोकस
विदेशी शिक्षा की क्वालिटी और किसी खास एरिया में एक्सपर्ट बनने की संभावना प्रमुख कारणों में से हैं, जिनकी वजह से भारतीय माता-पिता अपने बच्चों को विदेश भेजना चाहते हैं। हालांकि, विदेश में पढ़ाई के दौरान सबसे बड़ी चिंता वित्तीय समस्याएं होती हैं। उसके बाद सामाजिक, मानसिक और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं भी होती हैं। सर्वे के नतीजों से यह साफ होता है कि भारतीय माता-पिता अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए आर्थिक रूप से बड़े बलिदान करने के लिए भी तैयार हैं।