एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (ईपीएफओ) पैसे निकालने के सब्सक्राइबर के अप्लिकेशन को रिजेक्ट कर देता है। ऐसा तब होता है कि जब उसके रिकॉर्ड में सब्सक्राइबर की डिटेल उसके अप्लिकेशन में दी गई डिटेल से मैच नहीं करती है। इनमें सब्सक्राइबर का नाम, डेट ऑफ बर्थ और अधूरा केवाइसी प्रोसेस शामिल हैं। इसलिए क्लेम फाइल करने के लिए सब्सक्राइबर के लिए हर जानकारी को चेक कर लेना जरूरी है। मनीकंट्रोल आपको उन जानकारियों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें क्लेम फाइल करने से आपको चेक कर लेना चाहिए। इससे आपका अप्लिकेशन रिजेक्ट नहीं होगा।
जब कभी आप नौकरी बदलते हैं तो आपका एंप्लॉयर बदल जाता है। इस बारे में ईपीएफओ पोर्टल पर आपकी जानकारी अपडेट होनी चाहिए। हर एंप्लॉयर के साथ आपकी नौकरी शुरू करने की तारीख और नौकरी छोड़ने की तारीख की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए।
आपका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर एक्टिवेटेड होना चाहिए। इसका आपके मौजूदा एंप्लॉयमेंट से लिंक होना भी जरूरी है। क्लेम फाइल करने से पहले आपको यह चेक कर लेना होगा।
आपको अपने बैंक अकाउंट डिटेल और आईएफएससी कोड को क्लेम फाइल करने से पहले दो बार चेक कर लेना चाहिए। बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी सही नहीं होने पर आपका अप्लिकेशन रिजेक्ट हो जाएगा।
आपको यह चेक कर लेना होगा कि आपके आईडी प्रूफ में आपका नाम, डेट ऑफ बर्थ, पिता का नाम, जेंडर की जो जानकारी है, वह ईपीएफओ के रिकॉर्ड से मैच कर रही है या नहीं। आप इसे मेंबर सेवा पोर्टल पर चेक कर सकते हैं।
आपका नॉमिनेशन डिटेल होना जरूरी है। क्लेम करने से पहले आपको इसे भी एक बार चेक कर लेना होगा। ऊपर बताई गई किसी जानकारी के गलत होने या मैच नहीं करने पर अप्लिकेशन रिजेक्ट हो सकता है।
क्लेम फाइल करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
ईपीएफओ में अलग-अलग मकसद के लिए अलग-अलग फॉर्म होते हैं। अगर आप क्लेम के लिए फॉर्म भरने जा रहे हैं तो सही फॉर्म का चुनाव करें।
ईपीएफओ सब्सक्राइबर को अलग-अलग मकसद के लिए पैसे निकालने की सुविधा देता है। सबकी एलिजिबिलिटी अलग-अलग है। इसलिए अगर आप फाइनल सेटलमेंट के लिए अप्लाई करने जा रहे हैं तो अपनी एलिजिलिटी चेक कर लें।
आपको फॉर्म को सही तरीके से भरना होगा। इसमें दी गई हर जानकारी सही होनी चाहिए। जरूरत पड़ने पर आप सपोर्टिंग डॉक्युमेंट अटैच कर सकते हैं। जैसे आप आईडी या एड्रेस का प्रूफ दे सकते हैं।
आपका केवाइसी डिटेल अपडेट होनी चाहिए। आपके आधार, पैन और बैंक अकाउंट की डिटेल अपडेट होनी चाहिए और ईपीएफ अकाउंट से लिंक्ड होनी चाहिए।
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आम तौर पर विड्रॉल क्लेम की प्रोसेसिंग 20 दिन के अंदर हो जाती है। कुछ मामलों में समय थोड़ा ज्यादा लग सकता है। आप प्रोसेस में देरी से बचने के लिए अपने एंप्लॉयर को अपने क्लेम के बारे में पहले से बता सकते हैं। इससे उसे कनफर्मेशन देने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।