कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने फरवरी 2025 के लिए अपनी प्रोविजनल पे-रोल रिपोर्ट जारी की है। इसमें कुल 16.1 लाख नए सदस्य जुड़े हैं। यह फरवरी 2024 की तुलना में 3.99% की सालाना बढ़त है। यह आंकड़ा रोजगार के बेहतर अवसरों और कर्मचारी लाभों को लेकर जागरूकता में इजाफे की ओर इशारा करता है।
फरवरी में EPFO से कितने सब्सक्राइबर्स जुड़े?
फरवरी 2025 में EPFO में लगभग 7.39 लाख नए सब्सक्राइबर जुड़े। श्रम और रोजगार मंत्रालय के अनुसार, “नए सब्सक्राइबर्स की यह संख्या बढ़ती नौकरियों, कर्मचारी लाभों को लेकर जागरूकता, और EPFO के प्रभावी आउटरीच प्रोग्राम्स का नतीजा है।”
EPFO के लिए नए सब्सक्राइबर्स वे होते हैं जो पहली बार संगठन से जुड़ते हैं। वहीं, नेट एडिशन में नए सब्सक्राइबर्स के साथ-साथ दोबारा लौटे सदस्य और निकासी की गणना भी होती है।
EPFO में वापसी करने वाले सदस्य
फरवरी 2025 में करीब 13.1 लाख सदस्य दोबारा जुड़े, जो पहले EPFO से बाहर हो चुके थे। यह आंकड़ा सालाना आधार पर 11.85% अधिक है।
मंत्रालय के मुताबिक, “इन सदस्यों ने नौकरी बदलने के बाद EPFO के दायरे में आने वाले संस्थानों से दोबारा जुड़ने का विकल्प चुना और अपनी जमा राशि को फाइनल सेटलमेंट की बजाय ट्रांसफर करने का निर्णय लिया। इससे उनकी दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा बनी रही।”
वर्कफोर्स में युवाओं की भागीदारी
18 से 25 वर्ष आयु वर्ग अब भी नए सदस्यों के सबसे बड़े हिस्से के रूप में सामने आया है। इस श्रेणी में 4.27 लाख सदस्य जुड़े, जो कुल नए सब्सक्राइबर्स का 57.71% है। मंत्रालय ने कहा, “यह ट्रेंड दिखाता है कि संगठित क्षेत्र में जुड़ने वाले अधिकांश लोग युवा और पहली बार नौकरी पाने वाले हैं।”
इसके अलावा फरवरी 2025 में इस आयु वर्ग का नेट पे-रोल एडिशन लगभग 6.78 लाख रहा, जो पिछले साल की तुलना में 3.01% ज्यादा है।
महिलाओं की भागीदारी में इजाफा
फरवरी 2025 में लगभग 2.08 लाख नई महिला सदस्य EPFO से जुड़ीं, जो सालाना आधार पर 1.26% की वृद्धि है। कुल महिला नेट पे-रोल एडिशन 3.37 लाख रहा, जो पिछले साल की तुलना में 9.23% अधिक है। मंत्रालय ने कहा, “महिला सदस्यों की बढ़ती संख्या दिखाती है कि दफ्तरों में विविधता और समावेशिता की दिशा में बड़ा बदलाव हो रहा है।”
किस राज्य का सबसे अधिक योगदान?
राज्यवार विश्लेषण से पता चलता है कि कुल नेट एडिशन का 59.75% हिस्सा सिर्फ पांच प्रमुख राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से आया, यानी लगभग 9.62 लाख सदस्य।
महाराष्ट्र ने इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी निभाई, कुल नेट एडिशन में 20.90% योगदान के साथ। अन्य बड़े योगदान देने वाले राज्य- तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश रहे। इनमें से प्रत्येक का हिस्सा 5% से अधिक रहा।