Financial Freedom: आराम की जिंदगी गुजारने के लिए कितना चाहिए पैसा... 10, 20 या 50 करोड़?
Financial Freedom: फाइनेंशियल फ्रीडम के लिए करोड़ों की जरूरत नहीं, आपकी जीवनशैली और खर्च तय करते हैं यह आंकड़ा। एक्सपर्ट के मुताबिक, 4% रूल से आप आसानी से अपना फाइनेंशियल फ्रीडम नंबर निकाल सकते हैं और तनावमुक्त जीवन जी सकते हैं।
अपनी बचत को ऐसी जगह निवेश करें, जहां रिटर्न महंगाई के बराबर या उससे ज्यादा हो।
Financial Freedom: "अगर मेरे पास इतने करोड़ रुपये होते, तो लाइफ सेट हो जाती।" यह लाइन आम बातचीत में अक्सर सुनने को मिल जाती है। कोई अपनी लाइफ सेट करने के लिए 1 करोड़ चाहता है, तो कोई 10 या 20 करोड़ रुपये। किसी को तो 50 करोड़ रुपये भी कम लगते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या असल में इतनी बड़ी रकम की जरूरत होती है वित्तीय आजादी (Financial Freedom) के लिए?
बेशक बीते कुछ साल में फाइनेंशियल फ्रीडम को लेकर जागरूकता बढ़ी है, लेकिन इसे लेकर भ्रम भी बना हुआ है। खासकर यह सवाल कि रिटायरमेंट या आराम से जीने के लिए आखिर कितना पैसा काफी होता है? आइए इस सवाल का जवाब तलाशते हैं।
क्या रिटायरमेंट के लिए सिर्फ बचत काफी है?
आज के दौर में सिर्फ बचत करना ही काफी नहीं है। वजह है महंगाई, जो समय के साथ आपके पैसों की वैल्यू को कम कर देती है। बीते दो दशकों में भारत में औसतन 6% की दर से महंगाई रही है। इसका मतलब है कि अगर आज आपके पास ₹10 लाख है, तो 15 साल में उसकी क्रय-शक्ति (Purchasing Power) काफी कम हो जाएगी। करीब ₹4.18 लाख। यानी 15 साल बाद आपको ₹10 लाख की चीजें खरीदने के लिए आपको करीब ₹22-24 लाख की जरूरत पड़ेगी।
ऐसे में जरूरी हो जाता है कि आपकी बचत को ऐसी जगह निवेश किया जाए, जहां रिटर्न महंगाई के बराबर या उससे ज्यादा हो। सरकारी योजनाएं, फिक्स्ड डिपॉजिट या डाइवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड्स जैसे विकल्प 6-8% तक का रिटर्न दे सकते हैं, अगर उन्हें सोच-समझकर चुना जाए।
फाइनेंशियल फ्रीडम के लिए कितना पैसा काफी है?
पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट का मानना है कि फाइनेंशियल फ्रीडम इस बात पर निर्भर नहीं करती कि आपके पास कितनी बड़ी रकम है। यह इस बात पर ज्यादा निर्भर करती है कि आपकी जरूरतें क्या हैं और आप उन्हें बिना तनाव के कैसे पूरा कर सकते हैं।
इसका मतलब साफ है कि फाइनेंशियल फ्रीडम के लिए हर किसी को ₹10 करोड़ या ₹50 करोड़ की जरूरत नहीं होती। इस सवाल का जवाब आपकी जीवनशैली और खर्चों में छिपा है। अगर आपकी लाइफस्टाइल संयमित है, तो आपके लिए ₹5 करोड़ भी काफी हो सकते हैं, नहीं तो फिर ₹50 करोड़ भी नाकाफी रहेंगे।
फाइनेंशियल फ्रीडम पर एक्सपर्ट की राय
CashKaro और EarnKaro के को-फाउंडर रोहन भार्गव का कहना है, "वित्तीय आजादी किसी एक तय रकम से परिभाषित नहीं होती, बल्कि यह इस पर निर्भर करती है कि आप बिना सक्रिय आय (Active Income) पर निर्भर हुए कितनी आरामदायक जिंदगी जी सकते हैं। एक अच्छा मापदंड ‘4% रूल’ है: अगर आपकी सालाना जरूरतें ₹10 लाख हैं, तो आपको लगभग ₹2.5 करोड़ का ऐसा फंड चाहिए, जिसे आप ऐसे निवेश में रखें जो स्थायी रिटर्न दे सके।
हालांकि यह रकम आपकी जीवनशैली, पारिवारिक जिम्मेदारियों और लॉन्ग टर्म गोल्स के अनुसार काफी अलग हो सकती है। भारत में औसतन एक शहरी परिवार सालाना ₹6–8 लाख खर्च करता है। भार्गव का कहना है कि फाइनेंशियल फ्रीडम किसी एक आंकड़े का नाम नहीं है, बल्कि ऐसी व्यवस्था बनाने का नाम है जो आपके लिए काम करे।"
क्या होता है ‘फाइनेंशियल फ्रीडम नंबर’?
आप अपनी फाइनेंशियल फ्रीडम के लिए आंकड़ा बड़ी आसानी से निकाल सकते हैं। एक्सपर्ट इसका बड़ा आसान फॉर्मूला बताते हैं:
Financial Freedom Number = सालाना खर्च × 25
यह 4% रूल पर आधारित है। इसका मतलब है कि अगर आपने अपना पैसा समझदारी से निवेश किया है, तो आप हर साल उसका 4% निकाल सकते हैं और आपकी मूल रकम सुरक्षित रहेगी। आइए इसको उदाहरण से भी समझ लेते हैं:
मान लीजिए आपकी मासिक जरूरतें ₹80,000 हैं।
सालाना खर्च = ₹9.6 लाख
तो आपका फाइनेंशियल फ्रीडम नंबर = ₹9.6 लाख × 25 = ₹2.4 करोड़
इसका मतलब है कि अगर आपकी इन्वेस्ट की गई पूंजी ₹2.4 करोड़ है, तो आप हर साल ₹9.6 लाख निकाल सकते हैं और फिर भी आपकी पूंजी खत्म नहीं होगी।
रिटायरमेंट के बाद कितनी रकम चाहिए?
Wealth के डायरेक्टर और हेड संकेत प्रभु का कहना है कि आर्थिक स्वतंत्रता या रिटायरमेंट के वक्त कितनी रकम चाहिए, इसका सीधा जवाब नहीं है। यह पूरी तरह तीन बातों पर निर्भर करता है- आपकी मौजूदा घरेलू खर्च, महंगाई और औसत उम्र।
संकेत प्रभु के मुताबिक, हर परिवार का खर्च अलग होता है, इसलिए एक तय रकम नहीं बताई जा सकती, लेकिन एक प्रक्रिया है जो आपकी जरूरत की रिटायरमेंट कॉर्पस (निवेश की गई राशि) तय करने में मदद कर सकती है। नीचे 35 साल के व्यक्ति का उदाहरण दिया गया है, जो 60 की उम्र में रिटायर होने की योजना बना रहा है:
मासिक खर्च: ₹50,000
सालाना खर्च: ₹6 लाख
रिटायरमेंट में बचा समय: 25 साल
महंगाई दर (अनुमानित): 6%
रिटायरमेंट के वक्त सालाना खर्च: ₹25.75 लाख (₹6 लाख × 1.06^25)
औसत उम्र: 80 साल
जरूरी रिटायरमेंट कॉर्पस: ₹5.15 करोड़ (₹25.75 लाख × 20)- यह मानते हुए कि रिटायरमेंट के बाद यह राशि ऐसे निवेश में रहेगी जो महंगाई का असर कम कर सके।
संकेत प्रभु का कहना है कि रिटायरमेंट प्लानिंग हर शख्स की फाइनेंशियल प्लानिंग का जरूरी हिस्सा होनी चाहिए। इसके पीछे तीन बड़े कारण हैं:
रिटायरमेंट के बाद नियमित आय बंद हो जाती है।
बिना किसी गारंटी या संपत्ति के बैंक रिटायरमेंट के लिए लोन नहीं देते।
और सबसे अहम, रिटायरमेंट के लिए जो रकम चाहिए, वो आपके मौजूदा सालाना खर्च की लगभग 85 गुना हो सकती है (₹5.15 करोड़ / ₹6 लाख)।
फिर लोग ₹10-₹50 करोड़ क्यों चाहते हैं?
अगर कोई आलीशान जीवनशैली चाहता है, जैसे कि विदेश घूमना, बड़ी गाड़ियां, लग्जरी घर तो जरूरतें भी बढ़ जाती हैं। ऐसे में फाइनेंशियल फ्रीडम नंबर ₹10 करोड़ या उससे ज्यादा भी हो सकता है। लेकिन अगर आपकी जरूरतें सीमित और व्यावहारिक हैं, तो कम पैसों में भी फाइनेंशियल फ्रीडम का लुत्फ उठा सकते हैं।
फाइनेंशियल फ्रीडम सिर्फ आर्थिक स्थिति नहीं, मानसिक स्थिति भी है। यह वो अवस्था है जब आप अपनी पसंद से काम करते हैं, जरूरत से नहीं। जहां फैसले डर से नहीं, आत्मनिर्भरता से लिए जाते हैं। ऐसे में फाइनेंशियल फ्रीडम के लिए सवाल ये नहीं है कि 'कितना पैसा चाहिए?', सवाल ये है कि 'आपको कितना चाहिए?'