EPFO Pension: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की सर्वोच्च नीति-निर्माण इकाई केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक 10 और 11 अक्टूबर को बेंगलुरु में होने जा रही है। इस बैठक में सबसे अहम मुद्दा होगा- कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का प्रस्ताव। यह फिलहाल ₹1,000 है। खबरों के मुताबिक, इसे बढ़ाकर ₹2,500 प्रति माह करने पर चर्चा हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो यह 11 साल बाद पहली बार पेंशन दर में बदलाव होगा।
कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) एक सामाजिक सुरक्षा योजना है। यह रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को तय पेंशन देती है। इस योजना में नियोक्ता (employer) कर्मचारी की सैलरी का 8.33% फंड में जमा करता है, जबकि केंद्र सरकार 1.16% का योगदान देती है। यह योगदान ₹15,000 की अधिकतम सैलरी पर कैप किया गया है।
अगर किसी कर्मचारी के फंड में पर्याप्त रकम नहीं है, तब भी EPS-95 के तहत सरकार की मदद से कम से कम ₹1,000 पेंशन हर महीने दी जाती है। लेकिन अब यह फंड एक्चुरियल घाटे (actuarial deficit) का सामना कर रहा है, यानी फंड में उतना पैसा नहीं है जितना पेंशन देने का वादा किया गया है।
EPS-95 के तहत 58 साल या उससे अधिक उम्र और कम से कम 10 साल की लगातार नौकरी वाले कर्मचारी नियमित पेंशन पाने के पात्र होते हैं।
ट्रेड यूनियन और पेंशनर्स लंबे समय से पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि ₹1,000 की पेंशन से आज के समय में बुनियादी जरूरतें भी पूरी नहीं होतीं, जबकि महंगाई लगातार बढ़ रही है। रिटायर कर्मचारी और संगठन यह भी कह रहे हैं कि जिन्होंने सालों तक काम करके इस फंड में योगदान दिया, उन्हें इतनी कम पेंशन देना अनुचित और अपमानजनक है।
यूनियनें ₹7,500 की न्यूनतम पेंशन की मांग कर रही हैं। लेकिन, मौजूदा स्थिति को देखते हुए इसे ₹2,500 प्रति माह तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा जा सकता है।
CBT बैठक से अन्य उम्मीदें
सात महीने बाद हो रही इस बैठक में EPFO 3.0 पर भी चर्चा होने की संभावना है। यह एक डिजिटल अपग्रेड प्रोजेक्ट है, जिससे EPF ट्रांजैक्शन और क्लेम प्रोसेस को पूरी तरह डिजिटल बनाया जाएगा। इससे कर्मचारियों को पैसों की जरूरत पड़ने पर फंड निकालना और क्लेम करना आसान होगा।
EPFO 3.0 के तहत आने वाले सुधार
कुल मिलाकर, इस अक्टूबर की बैठक से कर्मचारियों और पेंशनर्स को डिजिटल सुविधा, तेज सेवा और बढ़ी हुई पेंशन के रूप में बड़ा तोहफा मिल सकता है।