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रिटायरमेंट प्लानिंग में EPF को नहीं करें नजरअंदाज, जानिए क्या हैं इसके फायदे

EPF: ईपीएफ प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों की रिटायरमेंट प्लानिंग में मदद करता है। हर महीने एंप्लॉयी की सैलरी से बेसिक सैलरी का 12 फीसदी ईपीएफ अकाउंट में जमा होता है। इतना ही पैसा एंप्लॉयर भी एंप्लॉयी के ईपीएफ अकाउंट में करता है। ईपीएफ में जमा पैसे का प्रबंधन EPFO करता है

अपडेटेड Mar 22, 2024 पर 5:15 PM
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ईपीएफ में डिपॉजिट होने वाले पैसे का 8.33 फीसदी एंप्लॉयी पेंशन स्कीम (EPS) में जाता है।

EPF: अगर नौकरी खासकर प्राइवेट जॉब में हैं तो आपको रिटायरमेंट के लिए सेविंग शुरू कर देनी चाहिए। रिटायरमेंट प्लानिंग जितनी जल्द शुरू की जाए उतना अच्छा है। प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग EPFO के सदस्य होते हैं। ईपीएफ रिटायरमेंट प्लानिंग में मददगार है। यह एक लॉन्ग टर्म सेविंग्स स्कीम है, जिससे रिटायरमेंट के लिए अच्छा फंड तैयार होता है। ईपीएफ की शुरुआत ईपीएफओ एक्ट, 1952 के जरिए हुई थी। ईपीएफ के पैसे का प्रबंधन ईपीएफओ करता है।

रिस्क नहीं के बराबर

ईपीएफ में एंप्लॉयी को हर महीने अपनी बेसिक सैलरी (प्लस डीए) का 12 फीसदी ईपीएफ में जमा करना होता है। इतना ही पैसा एंप्लॉयर एंप्लॉयी की ईपीएफ अकाउंट में जमा करता है। रिटायरमेंट के वक्त आपको यह पैसा इंटरेस्ट के साथ मिल जाता है। ईपीएफ बहुत कम रिस्क वाला इनवेस्टमेंट है। इसकी बड़ी वजह यह है कि इसका प्रबंधन सरकार की संस्था करती है। सरकार की तरफ से ईपीएफ में जमा पैसे पर हर साल इंटरेस्ट रेट का ऐलान किया जाता है।


एंप्लॉयी पेंशन स्कीम में कंट्रिब्यूशन

ईपीएफ में डिपॉजिट होने वाले पैसे का 8.33 फीसदी एंप्लॉयी पेंशन स्कीम (EPS) में जाता है। इसे एक उदाहरण की मदद से समझा जा सकता है। मान लीजिए आपकी सैलरी (बेसिक प्लस डीए) 1 लाख रुपये है। ऐसे में हर महीने आपकी सैलरी से 12,000 रुपये ईपीएफ अकाउंट में जाएगा। इस पर सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन मिलता है।

टैक्स के लिहाज से फायदेमंद

EPF टैक्स के लिहाज से भी फायदेमंद है। अगर आप पांच साल बाद ईपीएफ से पैसे निकालते हैं तो इस पर टैक्स नहीं लगता है। हालांकि, पांच साल से पहले पैसे निकालने पर टैक्स चुकाना पड़ता है। किसी वजह से नौकरी छोड़ने या कंपनी के किसी वजह से एंप्लॉयी को नौकरी से निकाल देने की स्थिति में आप अपना ईपीएफ का पैसा निकाल सकते हैं। नौकरी करते हुए भी कुछ खास स्थितियों में ईपीएफ से आंशिक निकासी की इजाजत है।

नौकरी छोड़ने पर पैसे निकालना ठीक नहीं

एक्सपर्ट्स का कहना है कि एंप्लॉयी अगर एक नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी ज्वाइन करना चाहता है तो उसे पहली कंपनी में जमा अपने ईपीएफ के पैसे को दूसरी कंपनी में ट्रांसफर कराना चाहिए। कई लोग नौकरी छोड़ने पर ईपीएफ का पैसा निकाल लेते हैं। ऐसा करना ठीक नहीं है। पहला, यह पैसा आपके रिटायरमेंट प्लानिंग में काम आता है। दूसरा ईपीएफ पर काफी अच्छा इंटरेस्ट मिलता है। लंबी अवधि में इससे अच्छा फंड तैयार हो जाता है।

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