भारत डिजिटल भुगतान में दुनिया में सबसे आगे है, और इस क्षेत्र में लगातार नई सुव़िधाएं आ रही हैं जो नागरिकों और छोटे व्यापारियों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही हैं। मुंबई में एशिया के सबसे बड़े फिनटेक इवेंट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसके तहत यूजर्स अब सेकेंडों में 15,000 रुपये तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं और बिना इंटरनेट के भी UPI के माध्यम से भुगतान कर पाएंगे।
15,000 रुपये तक का आसान लोन
इस नई सुविधा के तहत, कुछ चुनिंदा बैंक और फिनटेक कंपनियां UPI यूजर्स को 5,000 से 15,000 रुपये तक की क्रेडिट लिमिट देने वाली हैं। यह क्रेडिट लिमिट असल में एक छोटे अवधि का लोन की तरह काम करेगी, जिसका इस्तेमाल आप तुरंत कर सकते हैं। इसके लिए कोई कागजी कार्रवाई या लंबा इंतजार करने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे आम जनता और छोटे व्यवसायियों को आर्थिक मदद प्राप्त करने में आसानी होगी, खासकर जब तत्काल कैश की जरूरत होती है।
बिना इंटरनेट के भी होगा पेमेंट संभव
वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि नए सिस्टम के जरिए, यूजर्स बिना इंटरनेट के भी अपने मोबाइल फोन से UPI पेमेंट कर सकेंगे। यह फीचर खासतौर पर उन इलाकों के लिए मददगार होगा जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कमज़ोर है या अचानक इंटरनेट बंद हो जाता है। इस तकनीक से डिजिटल लेनदेन और सुगम बनेंगे और ज्यादा लोग डिजिटल भुगतान के दायरे में आ पाएंगे।
भारत की डिजिटल पेमेंट क्रांति का नया पड़ाव
भारत में डिजिटल भुगतान का विस्तार तेजी से हो रहा है। ये नई सुविधाएं डिजिटल इंडिया के मिशन को सफल बनाने में मदद करेंगी। छोटे व्यापारी और सामान्य नागरिक अब आसानी से डिजिटल लोन लेकर अपने वित्तीय जरूरतों को पूरा कर सकेंगे। इसके अलावा, इससे कैशलेस इकॉनमी को भी बढ़ावा मिलेगा।
यह लोन सुविधा उन लोगों के लिए भी फायदेमंद होगी जो पारंपरिक बैंकिंग प्रक्रियाओं को लेकर असहज हैं या जिनके लिए कागजी कार्रवाई करना मुश्किल होता है। सेकेंडों में मिलने वाला लोन उनके लिए आर्थिक राहत का जरिया बनेगा। साथ ही, बिना इंटरनेट के UPI पेमेंट की सुविधा आर्थिक लेनदेन को हमेशा चालू रखेगी।
निर्मला सीतारमण द्वारा मुंबई में फिनटेक इवेंट में की गई ये घोषणाएं भारत के डिजिटल भुगतान क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम हैं। सरल, तेज और बिना जटिल प्रक्रियाओं के उपलब्ध लोन और बिना इंटरनेट के भुगतान की सुविधा से हर नागरिक अब आधुनिक डिजिटल वित्तीय सेवाओं का पूरा लाभ उठा पाएगा। यह भारत की आर्थिक समृद्धि और डिजिटल सशक्तिकरण के मार्ग पर एक नया मील का पत्थर साबित होगा।