क्या आप उम्र 40 साल के करीब है? अगर हां तो इनवेस्टमेंट प्लान को रिव्यू करने का समय आ गया है। आपको अपने फाइनेंशियल पोजीशन को एक बार फिर से रिव्यू करना होगा। अपने सेविंग्स, इनवेस्टमेंट और कर्ज का हिसाब लगाना होगा। यह भी देखना होगा कि आगे आपके लिए कितना रिस्क लेना ठीक रहेगा। इसकी वजह यह है कि 40 की उम्र के करीब व्यक्ति की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में खर्च करने की आदत में बदलाव नहीं करने पर आगे आपके प्रॉब्लम में फंसने का खतरा रहेगा।
रिस्क घटाने पर करना होगा फोकस
सबसे पहले आपको रिस्क कम करने पर फोकस करना होगा। आप उन स्टॉक्स में अपना निवेश घटा सकते हैं, जिनमें ज्यादा रिस्क है। आप पोर्टफोलियो में बॉन्ड्स और उन स्टॉक्स को शामिल कर सकते हैं, जिनमें अच्छा डिविडेंड मिलता है। आप रियल एस्टेट फंड और इंडेक्स फंड में निवेश के बारे में भी सोच सकते है। यह ध्यान में रखना होगा कि आप रिस्क पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकते। आप इसे सिर्फ थोड़ा घटा सकते हैं। इसका मतलब है कि आपको रिस्क के मामले में बैलेंस बनाना होगा।
रिटायरमेंट के लिए ज्यादा इनवेस्टमेंट
दूसरा, आपको रिटायरमेंट प्लानिंग पर फोकस बढ़ाना होगा। इसके लिए आप EPF/PPF में अपना कंट्रिब्यूशन बढ़ा सकते हैं। बच्चों के एजुकेशन के लिए निवेश पर भी ध्यान देना होगा। इसके लिए आप म्यूचुअल फंड्स की इक्विटी स्कीम में SIP से निवेश शुरू कर सकते है। आप निवेश की अपनी क्षमता को ध्यान में रख सिप का अमाउंट तय कर सकते हैं। इसके लिए आप गैर-जरूरी खर्चों में कमी ला सकते हैं। बगैर जरूरत कोई खरीदारी नहीं करें। अगर आप हर हफ्ते 500-1000 रुपये की फिजूलखर्ची भी रोक पाते हैं तो सिप में इस पैसे के निवेश से लंबी अवधि में बड़ा फंड तैयार हो सकता है।
इंश्योरेंस की अनदेखी करने में नुकसान
इंश्योरेंस जिंदगी के लिए उतना ही जरूरी है, जितना बाइक चलाने के लिए हेलमेट पहना जरूरी है। यह आपके और आपके परिवार को आर्थिक सुरक्षा देता है। पहले आपको एक टर्म प्लान लेना होगा, जिसका कवर आपकी सालाना इनकम का 10-12 गुना होना चाहिए। हेल्थ पॉलिसी नहीं होने पर इलाज की जरूरत पड़ने पर आपकी पूरी सेविंग्स खत्म हो सकती है। इसलिए टर्म इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पर होने वाले खर्च को आपको जरूरी खर्च की कैटेगरी में रखना होगा।
इमर्जेंसी फंड बनाने से इनवेस्टमेंट प्लान डिस्टर्ब नहीं होगा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपने इमर्जेंसी फंड नहीं बनाया है तो अगली बार वेरिएबल पे या बोनस के पैसे का इस्तेमाल आप इसके लिए कर सकते हैं। इमर्जेंसी फंड होने से अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर आपका इनवेस्टमेंट प्लान डिस्टर्ब नहीं होता है। इनवेस्टमेंट प्लान एक बार डिस्टर्ब हो जाए तो उसे पटरी पर लाना मुश्किल होता है।
हर साल इनकम में होने वाली वृद्धि का इस्तेमाल निवेश बढ़ाने पर करना होगा
दूसरा, हर साल सैलरी में होने वाली इंक्रीमेंट के साथ आप अपना इनवेस्टमेंट बढ़ा सकता है। अगर आप हर साल अपने इनवेस्टमेंट को 10-15 फीसदी भी बढ़ाते हैं तो लंबी अवधि में इसके बड़ा फर्क पड़ेगा। खासकर रिटायरमेंट के लिए बड़ा फंड तैयार हो जाएगा।