Get App

फिक्स्ड डिपॉजिट पर TDS क्या होता है? यहां जानिये कैसे होता है कैलकुलेट

TDS on Fixed Deposit: निवेश के लिए बाजार में कई ऑप्शन हैं। हर एक निवेशक अपनी जरूरत, टाइम लाइन, जोखिम सहने की क्षमता, मार्केट की स्थिति और फाइनेंशियल टारगेट के अनुसार निवेश का चुनाव करता है। उन्हीं में से एक सेफ और आकर्षक ऑप्शन फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) है। यह एक ऐसा निवेश है जो फिलहाल ज्यादा ब्याज ऑफर कर रहा है

अपडेटेड Feb 12, 2025 पर 7:15 AM
Story continues below Advertisement
फिक्स्ड डिपॉजिट क्या होता है और इस पर टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) कैसे कैलकुलेट होता है।

TDS on Fixed Deposit: निवेश के लिए बाजार में कई ऑप्शन हैं। हर एक निवेशक अपनी जरूरत, टाइम लाइन, जोखिम सहने की क्षमता, मार्केट की स्थिति और फाइनेंशियल टारगेट के अनुसार निवेश का चुनाव करता है। उन्हीं में से एक सेफ और आकर्षक ऑप्शन फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) है। यह एक ऐसा निवेश है जो फिलहाल ज्यादा ब्याज ऑफर कर रहा है। आइए जानें कि फिक्स्ड डिपॉजिट क्या होता है और इस पर टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) कैसे कैलकुलेट होता है।

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) क्या है?

फिक्स्ड डिपॉजिट एक निवेश योजना है जिसमें व्यक्ति एक तय अमाउंट को तय समय के लिए जमा करता है। यह बैंकों का किया जाने वाला एक सेफ निवेश ऑप्शन है, जिसमें जमा किये अमाउंट पर एक तय दर से ब्याज मिलता है। निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार ब्याज का पेमेंट मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना ले सकते हैं। यह सेविंग अकाउंट की तुलना में अधिक ब्याज दर देते हैं।


टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) क्या है?

टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) एक टैक्स लेने का सिस्टम है जिसमें सरकार सीधे इनकम के सोर्स पर टैक्स काटती है। जो व्यक्ति (डिडक्टर) किसी दूसरे व्यक्ति (डिडक्टी) को पेमेंट करता है। उसे पहले टैक्स काटकर सरकार के खाते में जमा करना होता है। TDS कई तरह की इनकम पर लागू होता है, जैसे कि वेतन, फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज, किराया आदि। टैक्स डिपार्टमेंट तय दरों के अनुसार यह टैक्स काटा जाता है।

फिक्स्ड डिपॉजिट पर टीडीएस (TDS on FD) क्या है?

फिक्स्ड डिपॉजिट पर TDS वह टैक्स है जो बैंक निवेशक के ब्याज से काटता है और सरकार को जमा करता है। यह टीडीएस तय दर के अनुसार काटा जाता है और निवेशक के इनकम टैक्स अकाउंट में जोड़ दिया जाता है। बाद में इसे व्यक्ति के कुल इनकम में जोड़ दिया जाता है।

फिक्स्ड डिपॉजिट पर TDS का कैलकुलेशन कैसे करते हैं?

FD से प्राप्त ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल होता है। इसे अन्य सोर्स से मिली इनकम में जोड़ दिया जाता है।

TDS की कैलकुलेशन FD पर मिलने वाले ब्याज, जमा अमाउंट, पीरियड और टैक्स स्लैब के आधार पर की जाती है।

यदि किसी व्यक्ति की सालाना इनकम 2.5 लाख रुपये से कम है, तो बैंक उस पर कोई टैक्स नहीं लगाएगा। हालांकि, टैक्स छूट का दावा करने के लिए कुछ मामलों में फॉर्म 15G या 15H भरना पड़ता है।

अगर किसी व्यक्ति को FD से सालाना 40,000 रुपये से कम ब्याज मिलता है, तो उस पर कोई TDS नहीं काटा जाएगा। लेकिन यदि ब्याज 40,000 रुपये से अधिक हो जाता है, तो बैंक 10% की दर से TDS काटेगा।

व्यक्ति के पास PAN कार्ड नहीं है, तो बैंक 20% TDS काट सकता है।

वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक उम्र) के लिए यह सीमा 50,000 रुपये होती है, यानी उन्हें 50,000 रुपये तक के ब्याज पर कोई TDS नहीं देना होता।

Gold Price Today: रिकॉर्ड हाई से नीचे आया सोना, जानिये कितना सस्ता हुआ 10 ग्राम गोल्ड

 

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Feb 12, 2025 7:15 AM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।