Gold ETF: अक्टूबर 2025 में गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में निवेशकों की म ने मजबूती दिखाई। इस दौरान नेट इनफ्लो ₹7,743 करोड़ रहा। यह सितंबर के रिकॉर्ड इनफ्लो ₹8,363 करोड़ के बाद भी दमदार डिमांड का संकेत है। AMFI के डेटा के मुताबिक, निवेशक अनिश्चितता के वक्त सोने को सुरक्षित निवेश और पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के तौर पर चुन रहे हैं।
Gold ETFs की तगड़ी डिमांड क्यों
1. भू-राजनीतिक तनाव: इजराइल-गाजा, रूस-यूक्रेन से लेकर दक्षिण चीन सागर तक लगातार भूराजनीतिक तनाव है। मार्केट अनिश्चित है। ऐसे माहौल में निवेशक सुरक्षित विकल्प तलाशते हैं, और गोल्ड हमेशा पहला चुनाव बनता है। इसलिए Gold ETFs में पैसा तेजी से आ रहा है।
2. ब्याज दर की अनिश्चितता: अमेरिका (Fed) और दूसरे सेंट्रल बैंकों की ब्याज दरों में कटौती को लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं है। जब रेट्स पर उलझन बढ़ती है, निवेशक गोल्ड की ओर जाते हैं, क्योंकि वह रेपो-रेट या बॉन्ड-यील्ड जैसे उतार-चढ़ाव से कम प्रभावित होता है।
3. रुपये की कमजोरी: डॉलर के मुकाबले रुपया दबाव में है। जब लोकल करेंसी कमजोर होती है, गोल्ड एक भरोसेमंद हेज बन जाता है। इसी वजह से भारतीय निवेशक Gold ETF को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
4. Gold ETFs झंझट-मुक्त: ना स्टोरेज की दिक्कत, ना चोरी का डर, ना शुद्धता की चिंता। Gold ETFs डिजिटल रूप में आसानी से खरीदे-बेचे जा सकते हैं। यही वजह है कि नौजवान और टेक-पसंद निवेशकों में Gold ETF बेहद लोकप्रिय हो रहे हैं।
5. 1 साल में 50% रिटर्न: पिछले एक साल में गोल्ड ने 50% से ज्यादा रिटर्न दिया है। लगातार ऊपर की ओर चल रहे ट्रेंड ने इसे एक 'स्टेबल रिटर्न' वाली एसेट क्लास की इमेज दे दी है। इसी भरोसे ने Gold ETFs में लगातार इनफ्लो बढ़ाए हैं।
Morningstar Investment Research India में सीनियर एनालिस्ट Nehal Meshram ने कहा कि ग्लोबल गोल्ड प्राइस महीना भर रेंज-बाउंड रहे, घरेलू निवेशकों ने आवंटन बनाए रखा। Mirae Asset के Suranjana Borthakur ने भी कहा कि गोल्ड ETFs लगातार इनफ्लो देखने को मिल रही हैं। यह सुरक्षित निवेश है और एक साल से तगड़ा रिटर्न दिया है। इससे निवेशकों का भरोसा बररार है।
2025 में अब तक गोल्ड ETFs में कुल नेट इनफ्लो ₹27,573 करोड़ हुआ है, जो इस पैसिव सेगमेंट की मजबूती दिखाता है। वहीं, इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश मासिक आधार पर 19% घटकर अक्टूबर में ₹24,671 करोड़ रह गए। बावजूद इसके, कुल इंडस्ट्री AUM रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचकर ₹79.87 लाख करोड़ हो गया, जो पिछले महीने के ₹75.61 लाख करोड़ से बढ़ोतरी है।
एनालिस्टों का मानना है कि बाजार में हालिया रैली के बाद प्रॉफिट-बुकिंग और त्योहारी सीजन की नकदी जरूरतों ने इक्विटी फ्लो को धीमा किया। वहीं, सोना सुरक्षित निवेश की जगह बनाकर रहा। कुल मिलाकर गोल्ड ETFs में जारी दिलचस्पी यह बता रही है कि निवेशक अनिश्चित आर्थिक माहौल में जोखिम कम करने और पोर्टफोलियो संतुलन बनाए रखने के लिए सोने को प्राथमिकता दे रहे हैं।
Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।