8th Pay Commission: सरकार ने हाल ही में 8th सेंट्रल पे कमीशन (8th CPC) की Terms of Reference (ToR) जारी की है। इसके बाद All India Defence Employees Federation (AIDEF) ने आपत्ति जताई है। AIDEF का कहना है कि 69 लाख केंद्रीय सरकारी पेंशनर्स और फैमिली पेंशनर्स को 8th CPC के दायरे से बाहर रखा गया है।
Financial Express की रिपोर्ट के मुताबिक, AIDEF ने वित्त मंत्रालय को लिखा- 'यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन पेंशनर्स ने 30 साल से ज्यादा देश की सेवा की, उन्हें 8th CPC की सीमा में शामिल ही नहीं किया गया। पेंशन संशोधन उनका अधिकार है, और उनके साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।'
ToR में पेंशनर्स का जिक्र क्यों नहीं दिख रहा?
सरकार ने 3 नवंबर 2025 को जो ToR जारी किया है, उसमें ‘pensioners’ या ‘family pensioners’ शब्द सीधे तौर पर नहीं लिखा गया। लेकिन इसमें यह जरूर कहा गया है कि कमीशन वेतन, भत्तों और कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं की समीक्षा करेगा। इन्हीं सुविधाओं में रिटायरमेंट बेनेफिट्स यानी पेंशन और ग्रेच्युटी भी शामिल हैं।
इसका मतलब है कि तकनीकी तौर पर पेंशनर्स ToR से बाहर नहीं हैं, लेकिन स्पष्ट उल्लेख की कमी ने असमंजस पैदा किया है।
कौन-कौन से कर्मचारी होंगे कवर ?
ToR के अनुसार, 8वां वेतन आयोग इन कैटेगरीज की समीक्षा करेगा:
पेंशन और रिटायरमेंट बेनेफिट्स पर ToR क्या कहता है?
8th Central Pay Commission को यह भी जिम्मेदारी दी गई है कि वह पेंशन और ग्रैच्युटी के पूरे स्ट्रक्चर की समीक्षा करे। इसमें दो तरह के कर्मचारियों के रिटायरमेंट बेनेफिट शामिल हैं- पहला, NPS और यूनिफाइड पेंशन स्कीम वाले कर्मचारियों की Death-cum-Retirement Gratuity, और दूसरा, NPS के बाहर आने वाले कर्मचारियों की ग्रैच्युटी और पेंशन।
हालांकि, दूसरे वर्ग के लिए सिफारिश करते समय सरकार को non-contributory pension schemes की वित्तीय लागत को भी ध्यान में रखना होगा। इससे साफ होता है कि नोटिफिकेशन में ‘pensioners’ शब्द न होने के बावजूद पेंशन और ग्रैच्युटी दोनों ही कमीशन के कार्यक्षेत्र में शामिल हैं।
सरकार ने 8th Pay Commission को अपनी अंतिम सिफारिशें जमा करने के लिए 18 महीने की समयसीमा दी है। यानी डेढ़ साल के भीतर पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी। इसके आधार पर भविष्य की वेतन, पेंशन और दूसरी सुविधाओं पर निर्णय लिए जाएंगे।