Gold Investment: गोल्ड की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं, लेकिन इसके बावजूद निवेशकों की दिलचस्पी बरकरार है। आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज का मानना है कि सोना अब केवल परंपरागत या भावनात्मक निवेश नहीं रहा, बल्कि यह एक मजबूत एसेट क्लास बन चुका है, जो अगले तीन वर्षों में डबल-डिजिट रिटर्न देने की पूरी संभावना रखता है।
गोल्ड में अभी आगे बढ़ने का दम
फिरोज अजीज के अनुसार, सोने में निवेश इस समय आकर्षक विकल्प है क्योंकि इसका डाउनसाइड रिस्क बेहद सीमित है और अपसाइड पोटेंशियल अच्छा है। उन्होंने कहा, 'किसी भी रैली के बाद सबसे बड़ा डर यह होता है कि एसेट क्लास अपने पीक पर पहुंच चुका है। वहां से गिरावट का डर रहता है। लेकिन गोल्ड के मामले में मुझे नहीं लगता कि इसमें ज्यादा गिरावट की आशंका है।'
अब अधिकतर निवेशक सोने को सिर्फ गहनों के रूप में नहीं, बल्कि एक फाइनेंशियल एसेट के रूप में देख रहे हैं। अजीज ने कहा, 'भारी गहनों की कीमत अब आम लोगों के बजट से बाहर होती जा रही है, लेकिन एक से दो ग्राम के सिक्के और गोल्ड बार जैसी छोटी यूनिट्स में निवेश का चलन बढ़ा है।”
उन्होंने गोल्ड को लेकर अपना निजी अनुभव भी साझा किया। अजीज ने कहा, “मैंने अपनी बहन को एक करोड़ रुपये का गोल्ड ETF गिफ्ट किया था। वह उसे बेचने को तैयार थी, लेकिन अपने फिजिकल गोल्ड को कभी नहीं छुआ। इससे साफ है कि भारत में अभी भी भौतिक सोने का भावनात्मक मूल्य बना हुआ है।”
जब शेयर बाजार गिरा, गोल्ड चमका
अजीज ने डेटा के आधार पर बताया कि पिछले आठ वर्षों में जब-जब भारतीय शेयर बाजार (Nifty) में गिरावट आई, गोल्ड ने बेहतर प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा, 'हर बार जब Nifty ने पीक से ट्रफ की ओर गिरावट दर्ज की, गोल्ड पॉजिटिव रहा। इसलिए यह हेज के रूप में पूरी तरह खरा उतरता है।'
गोल्ड-निफ्टी के रिटर्न में मामूली अंतर
अगर औसत रिटर्न की तुलना की जाए, तो भी निफ्टी के मुकाबले गोल्ड ज्यादा पीछे नजर नहीं आता। गोल्ड का पांच साल का औसत रिटर्न 17.44% है। वहीं, निफ्टी इसमें थोड़ा सा आगे है। उसका 5 साल का औसत रिटर्न 18.78% है।
बेशक रिटर्न में इक्विटी थोड़ा आगे है, लेकिन फिरोज अजीज का मानना है कि गोल्ड एक बेहतरीन 'डेट रिप्लेसर' साबित हो रहा है और अब मुख्यधारा के पोर्टफोलियो का हिस्सा बनता जा रहा है।
फिरोज अजीज का साफर तौर पर मानना है कि मौजूदा स्तरों पर गोल्ड एक आकर्षक निवेश विकल्प है। कम रिस्क और स्थिर रिटर्न के साथ यह न केवल अस्थिर बाजारों में हेज का काम करता है, बल्कि पोर्टफोलियो को संतुलित रखने में भी मदद करता है। सबसे अच्छी बात है कि यह अगले तीन में डबल डिजिट यानी 10% या इससे अधिक रिटर्न दे सकता है।