Gold Loan: इमरजेंसी में जब तुरंत पैसों की जरूरत होती है, तब गोल्ड लोन एक आसान और जल्दी मिलने वाला ऑप्शन माना जाता है। आप अपने सोने के गहनों या सिक्कों को गिरवी रखकर लोन ले सकते हैं। लेकिन कई बार लोग लोन लेने के बाद उसकी EMI या ब्याज समय पर नहीं चुका पाते। तो आपको इसका डबल नुकसान उठाना पड़ सकता है। इससे न सिर्फ आपकी गोल्ड ज्वैलरी चली जाती है लेकिन आपके क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ता है।
क्या होता है गोल्ड लोन डिफॉल्ट?
अगर कोई व्यक्ति तय समयसीमा में अपने गोल्ड लोन की किश्त, ब्याज या मूलधन नहीं चुका पाता है, तो बैंक या वित्तीय संस्था उसे डिफॉल्टर घोषित कर सकती है। भले ही सोना बैंक के पास गिरवी रखा हो, लेकिन पेमेंट में चूक से आर्थिक और कानूनी समस्याएं खड़ी कर सकती हैं।
डिफॉल्ट करने पर क्या होगा?
पेनल्टी और ब्याज में बढ़ोतरी
समय पर पेमेंट न करने पर बकाया रकम पर पेनल्टी जुड़ जाती है। इसके साथ ही चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest) भी बढ़ता जाता है, जिससे कुल पेमेंट के अमाउंट से अधिक हो सकता है।
क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर
डिफॉल्ट की जानकारी क्रेडिट ब्यूरो को भेजी जाती है, जिससे आपका CIBIL स्कोर नीचे जा सकता है। आगे चलकर कोई नया लोन या क्रेडिट कार्ड लेने में दिक्कत आ सकती है।
क्या हो सकता है कानूनी असर?
अगर पेमेंट में 30 से 90 दिन तक की देरी होती है, तो बैंक रिकवरी प्रोसेस शुरू कर सकता है। आपको लीगल नोटिस भेजा जाएगा, जिसमें नीलामी की जानकारी दी जाएगी। तय समय तक लोन ना चुकाने पर, बैंक आपके सोने की नीलामी कर सकता है। यानी, आपके गोल्ड पर आपका कोई हक नहीं होगा। कुछ मामलों में बैंक कोर्ट केस भी कर सकता है।
क्या भविष्य में लोन मिलना मुश्किल होगा?
बिलकुल। गोल्ड लोन पर डिफॉल्ट होने से आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर हमेशा के लिए दाग लग सकता है। इससे आगे चलकर पर्सनल लोन, होम लोन या ऑटो लोन जैसे लोन मिलने की संभावना कम हो जाती है।
री-स्ट्रक्चरिंग का विकल्प अपनाएं
यदि आपकी आर्थिक स्थिति खराब है, तो बैंक से लोन की शर्तों में बदलाव (restructuring) की अपील करें। EMI को कम करवाकर लंबी समय में पेमेंट करने के ऑप्शन को चुन सकते हैं।
अगर पूरा लोन एक साथ चुकाना संभव नहीं है, तो आंशिक पेमेंट कर रिकवरी को टाल सकते हैं।
किसी दूसरे बैंक से बेहतर ब्याज दर और आसान शर्तें मिलने पर वहां ट्रांसफर करने का विकल्प चुनें।
गोल्ड लोन लेने से पहले क्या सावधानियां रखें?
अपनी आमदनी और खर्चों का सही आकलन करें। केवल उतना ही लोन लें, जितना आप समय पर चुका सकें। EMI की तारीख कभी मिस न करें, अलार्म या ऑटो-डेबिट सेट करें। अगर अमाउंट बड़ी है, तो गोल्ड लोन पर बीमा लेना फायदेमंद हो सकता है। गोल्ड लोन एक अच्छा विकल्प है लेकिन सिर्फ तब, जब आप उसे समय पर चुका सकते हों। अगर चूक हो गई तो सोने के गहनों से हाथ धोने के साथ-साथ आपकी फाइनेंशियल इमेज भी खराब हो सकती है।